फाइलेरिया : मौन लेकिन आजीवन पीड़ा देने वाला रोग
प्री-TAS व नाइट ब्लड सर्वे से उन्मूलन की निर्णायक तैयारी, ठाकुरगंज में ब्लॉक समन्वय समिति की अहम बैठक, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का साझा संकल्प

किशनगंज,17दिसंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, फाइलेरिया एक गंभीर मच्छर जनित वेक्टर रोग है, जो संक्रमित मच्छरों के माध्यम से फैलता है और लंबे समय तक बिना लक्षण के शरीर में पनपता रहता है। समय रहते पहचान व उपचार नहीं होने पर यह रोग हाथीपांव, हाइड्रोसील जैसी स्थायी शारीरिक विकृतियों का कारण बनता है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक अक्षमता के साथ-साथ सामाजिक उपेक्षा और आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ता है। इसी गंभीरता को देखते हुए सरकार ने फाइलेरिया के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी प्री-ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (प्री-TAS) एवं नाइट ब्लड सर्वे की तैयारियों को लेकर ठाकुरगंज प्रखंड कार्यालय स्थित ब्लॉक मीटिंग हॉल में ब्लॉक समन्वय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी, ठाकुरगंज ने की।
प्री-TAS और नाइट ब्लड सर्वे का महत्व
प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली ने बताया कि प्री-TAS एक वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से यह निर्धारित किया जाता है कि किसी क्षेत्र में फाइलेरिया संक्रमण का स्तर उन्मूलन के निर्धारित मानकों के अनुरूप कम हुआ है या नहीं। इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नाइट ब्लड सर्वे है, जिसमें रात्रि के समय चयनित व्यक्तियों के रक्त नमूनों की जांच की जाती है, क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी रात में ही रक्त में सक्रिय अवस्था में पाए जाते हैं। यह सर्वे संक्रमण की वास्तविक स्थिति का सबसे विश्वसनीय संकेतक माना जाता है।
आमजन को होगा स्थायी लाभ
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अखलाकुर रहमान ने कहा कि प्री-TAS और नाइट ब्लड सर्वे की सफलता से क्षेत्र को फाइलेरिया मुक्त घोषित करने की दिशा में ठोस प्रगति होगी। इससे भविष्य में नए मामलों पर रोक लगेगी, पीढ़ियों को इस रोग की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी तथा परिवारों पर पड़ने वाला सामाजिक व आर्थिक बोझ कम होगा। उन्होंने आमजन से सर्वे टीमों का सहयोग करने की अपील की।
सिविल सर्जन का संदेश
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि फाइलेरिया केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि पूरे जीवन को प्रभावित करने वाला रोग है। प्री-TAS और नाइट ब्लड सर्वे यह सुनिश्चित करने की वैज्ञानिक प्रक्रिया है कि संक्रमण की श्रृंखला वास्तव में टूट चुकी है। इन गतिविधियों की सफलता से आने वाली पीढ़ियों को इस गंभीर रोग से स्थायी राहत मिलेगी। इसमें आमजन का सहयोग सबसे अहम है।
प्रशासनिक समन्वय पर जोर
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन केवल स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रशासन और समाज की साझा जिम्मेदारी है। सर्वे के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
वैज्ञानिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे प्री-TAS का सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी घटक है, जिसमें प्रशिक्षित टीमों द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप रक्त नमूने लिए जाते हैं और डेटा की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करते हुए प्री-TAS एवं नाइट ब्लड सर्वे को सफल बनाएंगे, ताकि ठाकुरगंज प्रखंड को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में ठोस और स्थायी प्रगति सुनिश्चित की जा सके।


