किशनगंज : अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य, जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आयोजित हुआ स्वास्थ्य मेला
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एएनसी जांच और सुमन कार्यक्रम पर विशेष फोकस

किशनगंज,14अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में किशनगंज जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नई उम्मीद बनकर उभर रहे हैं। मंगलवार को जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आयोजित स्वास्थ्य मेला इसी प्रयास का सशक्त उदाहरण रहा। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एएनसी जांच, सुमन कार्यक्रम और गैर-संचारी रोगों की जांच पर केंद्रित यह मेला न केवल उपचार का माध्यम बना, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का जनआंदोलन भी साबित हुआ।
हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना हमारी प्राथमिकता — सिविल सर्जन
स्वास्थ्य मेले के सफल आयोजन पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जिले के हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है, विशेषकर वे लोग जो अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ग्रामीण इलाकों में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की डोर जोड़ने का माध्यम बन चुके हैं। यह मेला सिर्फ इलाज का मंच नहीं, बल्कि बीमारियों से बचाव, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और समय पर जांच करवाने की प्रेरणा भी देता है।
मातृ स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान — एएनसी जांचें बनीं मेले का प्रमुख आकर्षण
स्वास्थ्य मेले में गर्भवती महिलाओं की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) पर विशेष ध्यान दिया गया। इसमें रक्त जांच, मूत्र जांच, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप और वजन मापन जैसी आवश्यक जांचें की गईं। गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार, आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियों का नियमित सेवन और संस्थागत प्रसव के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नियमित जांच से प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं की पहचान समय रहते की जा सकती है। स्वस्थ खानपान, नियमित जांच और तनावमुक्त जीवनशैली मातृत्व के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सुमन कार्यक्रम से मातृ एवं शिशु सुरक्षा को नई गति
मेले में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) कार्यक्रम की जानकारी भी दी गई। महिलाओं को बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि में निःशुल्क एवं सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
जिला योजना समन्वयक ने बताया कि सुमन कार्यक्रम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक सशक्त पहल है। मेले के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी गर्भवती महिला या नवजात शिशु आवश्यक जांचों और उपचार से वंचित न रहे।
गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए व्यापक पहल
स्वास्थ्य मेले में हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और फेफड़ों की बीमारियों जैसी गैर-संचारी बीमारियों की जांच और स्क्रीनिंग की गई। डॉक्टरों ने बताया कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित जांच, संतुलित आहार और व्यायाम बेहद जरूरी हैं। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों ने इन जांचों में उत्साहपूर्वक भाग लिया और परामर्श प्राप्त किया।
स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला — एक ही छत के नीचे जांच, परामर्श और जागरूकता
मेले में अनेक सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गईं, जिनमें शामिल थीं —
- गैर-संचारी रोगों की जांच – उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर आदि।
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं – एएनसी जांच, पोषण सलाह, टीकाकरण।
- आंखों की जांच – मोतियाबिंद और दृष्टि समस्याओं की स्क्रीनिंग।
- मानसिक स्वास्थ्य परामर्श – तनाव और मानसिक रोगों से बचाव हेतु सलाह।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी – आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, निःशुल्क दवा योजना आदि।
ग्रामीणों में उत्साह, बड़ी संख्या में लोगों ने कराया जांच
स्वास्थ्य मेलों को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग जांच कराने पहुंचे और डॉक्टरों से परामर्श लिया।
सिविल सर्जन डॉ. चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मेले का भरपूर लाभ उठाया। शहरों में जाकर इलाज कराना उनके लिए कठिन होता है, इसलिए इस तरह के आयोजन उनके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर — अंतिम व्यक्ति तक पहुंचती सेवा का प्रतीक
जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त केंद्र बन चुके हैं। यहां उपचार के साथ-साथ बीमारियों की रोकथाम, परामर्श और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदाय में स्वास्थ्य चेतना को बल मिल रहा है।
सिविल सर्जन ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे, ताकि जिले का हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सके और “स्वस्थ किशनगंज, सशक्त बिहार” के लक्ष्य को साकार किया जा सके।