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किशनगंज : विश्व हॉस्पिस दिवस 2025 पर सदर अस्पताल में जागरूकता सत्र आयोजित

थीम — “सर्वव्यापी पल्लिएटिव देखभाल की उपलब्धि” | गंभीर रोगियों के प्रति संवेदना और सेवा भाव का संकल्प

किशनगंज,13अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, विश्व हॉस्पिस एवं पल्लिएटिव देखभाल दिवस 2025 के अवसर पर सदर अस्पताल, किशनगंज में सोमवार को एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मियों, नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों ने गंभीर रोगियों के प्रति संवेदनशीलता और सेवा भाव के साथ कार्य करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य गंभीर एवं दीर्घकालिक रोगों से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों को दर्द प्रबंधन, मानसिक सहारा और गुणवत्तापूर्ण देखभाल उपलब्ध कराना था। सत्र का नेतृत्व जिला गैर-संचारी रोग अधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने किया। उन्होंने कहा कि “पल्लिएटिव देखभाल किसी रोग का अंत नहीं, बल्कि मानवता की शुरुआत है। मरीज को केवल इलाज नहीं, बल्कि संवेदना, संवाद और सहारा भी चाहिए।”

पल्लिएटिव देखभाल: जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा

डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि पल्लिएटिव देखभाल का उद्देश्य रोगी की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर ध्यान देते हुए उसकी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। यह देखभाल मरीज के जीवन के अंतिम चरण को सहज, गरिमापूर्ण और पीड़ा-मुक्त बनाने का प्रयास करती है।

थीम 2025 — “सर्वव्यापी पल्लिएटिव देखभाल की उपलब्धि”

इस वर्ष की थीम “सर्वव्यापी पल्लिएटिव देखभाल की उपलब्धि” है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति तक इस सेवा की सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना है। डॉ. उर्मिला ने कहा कि सीमावर्ती जिलों जैसे किशनगंज में यह सेवा और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विशेषज्ञ देखभाल तक पहुँच हमेशा सरल नहीं होती।

स्वास्थ्यकर्मियों और समुदाय की भूमिका

कार्यक्रम में डॉक्टरों, नर्सों, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को पल्लिएटिव देखभाल की अवधारणा और दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया। वक्ताओं ने कहा कि यह देखभाल केवल मरीज ही नहीं, बल्कि उसके परिवार और समुदाय तक प्रभाव डालती है। साथ ही, समुदाय को भी जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि मरीजों को समय पर उचित देखभाल मिल सके।

सदर अस्पताल में पल्लिएटिव सेवाओं का विस्तार

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि शीघ्र ही सदर अस्पताल में परामर्श केंद्र और दर्द प्रबंधन इकाई स्थापित की जाएगी। साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर इन सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा। डॉ. उर्मिला ने कहा कि “हर मरीज के लिए हमारा एक स्पर्श, मुस्कान या शब्द ही सबसे बड़ी दवा हो सकता है — यही हॉस्पिस का असली अर्थ है, संवेदना में चिकित्सा।”

विश्व स्तर पर संवेदना का संदेश

विश्व हॉस्पिस दिवस का आयोजन विश्व हॉस्पिस और पल्लिएटिव देखभाल संघ द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जीवन के अंतिम चरण में भी हर व्यक्ति को गरिमा और देखभाल का अधिकार मिले।

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि सदर अस्पताल में आयोजित यह कार्यक्रम गंभीर रोगियों के प्रति संवेदनशीलता और सेवा भाव का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि इलाज के साथ सहानुभूति और मानवीय देखभाल भी स्वास्थ्य सेवा का अभिन्न हिस्सा है। यह अभियान समाज में “संवेदना से सेवा” का सशक्त संदेश दे रहा है।

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