*जेडीयू विधि प्रकोष्ठ का दावा – एनडीए की वापसी तय*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, ::बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, राजनीतिक बयानबाजी और दावे-प्रतिदावे का दौर तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में जेडीयू के विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार और उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता दीपक अभिषेक ने बड़ा दावा किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की सरकार दोबारा बिहार में बनेगी।
डॉ. आनंद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले दो दशकों में बिहार ने बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन देखा है। एनडीए की सरकार ने राज्य को पिछड़ेपन से निकाल कर विकास की मुख्यधारा में जोड़ा है। उन्होंने कहा कि जनता आज भी उस स्थिरता और सुशासन के दौर को याद करती है, और यही कारण है कि लोग एक बार फिर एनडीए पर भरोसा जताने जा रही हैं।
दीपक अभिषेक ने कहा कि विपक्ष केवल आरोपों और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है, जबकि एनडीए का फोकस “काम बोलता है” की नीति पर है। उन्होंने कहा कि जेडीयू, भाजपा और अन्य घटक दलों के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर जनता को सरकार की उपलब्धियां बता रहे हैं, चाहे वह हर घर नल का जल योजना हो, या सड़क और पुलों का नेटवर्क हो, या फिर महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार के अवसर।
विधि प्रकोष्ठ के नेताओं ने कहा कि बिहार में कानून का शासन स्थापित करने में जेडीयू-नीत सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किया है। अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, न्यायालयों में लंबित मामलों के निपटारे की गति और आम जनता के लिए न्याय सुलभ बनाने के प्रयासों को जनता सराह रही है। डॉ. आनंद कुमार ने कहा कि कानून का राज ही किसी भी राज्य के विकास की बुनियाद होता है, और इस दिशा में बिहार ने मजबूत कदम बढ़ाया है।
दोनों नेताओं ने बताया कि एनडीए सरकार की प्राथमिकता युवाओं और किसानों को सशक्त बनाना है। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, स्टार्टअप सहायता, और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता के माध्यम से अवसर दिए गए हैं। वहीं किसानों के लिए सिंचाई, बीज, और बाजार तक पहुंच आसान की गई है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ग्रामीण और शहरी दोनों मतदाता एनडीए के पक्ष में मजबूत रूप से खड़े हैं।
दीपक अभिषेक ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो दल कभी बिहार को जंगलराज की ओर ले गया, वह अब विकास की बात कर रहा है, यह जनता अच्छी तरह समझती है।” उन्होंने कहा कि जनता अब भावनात्मक नारों में नहीं, बल्कि नीतियों और प्रदर्शन में भरोसा करती है।
जेडीयू विधि प्रकोष्ठ के इस बयान ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। एक ओर विपक्ष सरकार की नीतियों को विफल बताने में जुटा है, वहीं जेडीयू और एनडीए के नेता जनता के बीच “विकास और स्थिरता” का संदेश लेकर उतर चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नवंबर में होने वाले चुनाव में जनता किस पर भरोसा जताती है एनडीए के सुशासन पर या विपक्ष के बदलाव के वादों पर।
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