किशनगंज : अब न छुपेगा कालाजार, हर गांव से उठेगी इलाज की आवाज़
कालाजार व गैर-संचारी रोग उन्मूलन में तेज़ी, किशनगंज में स्वास्थ्य विभाग का ज़मीनी एक्शन प्लान शुरू

किशनगंज,07अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अब बीमारी को छिपाना नहीं, बल्कि पहचान कर इलाज से जोड़ना ही असली जागरूकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसी सोच को आधार बनाकर कालाजार और गैर-संचारी रोगों के खिलाफ व्यापक जन-जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। स्वास्थ्यकर्मियों की सजगता और समुदाय की सक्रिय भागीदारी से किशनगंज एक स्वस्थ जिले की ओर बढ़ रहा है।
इसी क्रम में मंगलवार को वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम और गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संयुक्त निरीक्षण किया। निरीक्षण में दोनों अधिकारियों ने कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की और फील्ड में कार्यरत कर्मियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्य बिंदु
कालाजार पर सतर्क निगरानी: डॉ. मंजर आलम ने कहा कि “अब कोई गांव अनदेखा नहीं रहेगा। संदिग्ध मरीज की जानकारी मिलते ही तत्काल जांच और उपचार की व्यवस्था की जाए।”
आईआरएस अभियान जारी: घर-घर जाकर कीटनाशक दवा छिड़काव (IRS) से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा रहा है।
गैर-संचारी रोगों पर जागरूकता: डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग व कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम दवा से नहीं, आदतों में बदलाव से संभव है।”
कालाजार पीड़ितों के लिए जिला में उपलब्ध सुविधाएं
- सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपचार
- ₹7100 तक की आर्थिक सहायता
- पोषण आहार योजना के अंतर्गत अतिरिक्त पोषण
- घर-घर दवा छिड़काव अभियान
- निरंतर फॉलो-अप जांच एवं अनुश्रवण
गैर-संचारी रोगों के लिए ज़रूरी है जीवनशैली में सुधार
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को चाहिए:
- संतुलित आहार लें
- नशामुक्त जीवन अपनाएं
- नियमित व्यायाम करें
- वर्ष में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराएं
स्वस्थ समाज का निर्माण: सामुदायिक सहयोग से संभव
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा, “जब स्वास्थ्यकर्मी और समुदाय साथ काम करें, तो हर मरीज तक इलाज पहुंचाना संभव है।” सभी प्राथमिक व उप-स्वास्थ्य केंद्रों को एकीकृत सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
निरीक्षण में यह भी निर्देश दिए गए कि — संदिग्ध मरीजों की सूचना तुरंत दर्ज हो। घर-घर छिड़काव में लापरवाही न बरती जाए। हर पंचायत में जागरूकता अभियान चलाया जाए। पोषण और इलाज दोनों पर समान ध्यान दिया जाए
सामाजिक संस्थाओं की भूमिका सराहनीय
निरीक्षण के अंत में दोनों अधिकारियों ने सिफार जैसी सामाजिक संस्थाओं के प्रयासों की सराहना की, जो जन-जागरूकता फैलाने में विभाग का सक्रिय सहयोग कर रही हैं।
अब लक्ष्य स्पष्ट है:
“न कोई रोग छुपेगा, न कोई रोगी बचेगा — यही है अगला कदम, यही है अगली जीत!”