किशनगंज : आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र — एम.सी.एम.सी./मीडिया कोषांग की समीक्षा बैठक सम्पन्न
फेक न्यूज़ पर सख्त निगरानी, सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर

किशनगंज,07अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों के तहत जिले में मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एम.सी.एम.सी.)/मीडिया कोषांग की एक महत्वपूर्ण बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय वेश्म में मंगलवार को आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कोषांग के नोडल पदाधिकारी कुंदन कुमार सिंह ने की। बैठक में सभी नामित पदाधिकारी एवं कोषांग से जुड़े कर्मी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रचार से संबंधित मीडिया गतिविधियों की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाना, फेक न्यूज और पेड न्यूज पर नियंत्रण सुनिश्चित करना तथा प्रचार सामग्री की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रूप देना था।
फेक न्यूज पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश
नोडल पदाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि फेक न्यूज इस चुनाव की सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे मामलों में जिला प्रशासन त्वरित संज्ञान लेते हुए तथ्यात्मक खंडन (rebuttal) जारी करेगा। किसी भी व्यक्ति, संस्था या चैनल द्वारा फेक न्यूज फैलाने की स्थिति में विभिन्न विधिक धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर 24×7 निगरानी
श्री सिंह ने बताया कि फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर की जा रही सभी चुनावी गतिविधियों पर एम.सी.एम.सी. की कड़ी नजर रहेगी। सोशल मीडिया पर भ्रामक, भड़काऊ या असत्य पोस्ट के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हेतु विशेष निगरानी तंत्र सक्रिय कर दिया गया है, जो 24 घंटे कार्य करेगा।
सर्टिफिकेशन प्रक्रिया होगी सख्त
नोडल पदाधिकारी ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत प्रचार सामग्री का सर्टिफिकेशन तीन दिनों के भीतर किया जाएगा। पोलिंग डे से एक दिन पूर्व तक के प्रचार-प्रसार की सामग्री का अनुमोदन कम-से-कम दो दिन पहले अनिवार्य रूप से कराना होगा।
प्रचार खर्च का रिकॉर्ड तैयार
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के आरओ (RO) को विज्ञापन दर का मानक प्रारूप प्रदान किया जाएगा, जिससे प्रचार में खर्च हुई राशि को उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय खाते में जोड़ा जा सके।
मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
बैठक के अंत में नोडल पदाधिकारी ने सभी कर्मियों को निर्देश दिया कि निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन संपादन में मीडिया की भूमिका न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे और अधिक जिम्मेदार एवं सक्रिय बनाए जाने की आवश्यकता है।