*जन सुराज पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर अशोक चौधरी से जुड़े जमीन खरीद मामले में कागजात पेश किए, मानव वैभव विकास ट्रस्ट द्वारा पटना में खरीदी गई छह प्रॉपर्टी के डीड भी सार्वजनिक किए*

श्रुति मिश्रा /प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा – हम सबूत सामने रख जनता को सच्चाई बता रहे, हमारी मांग है कि जनता पहले इनके साथ न्याय करे*
*प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने अशोक चौधरी से जुड़े डॉक्यूमेंट पेश करते हुए कहा – 100 करोड़ बाजार मूल्य वाली जमीनें कम कीमतों में खरीदी गईं, नीतीश कुमार अशोक चौधरी समेत सभी भ्रष्ट मंत्रियों से जवाब लें और बर्खास्त करें*
*पटना।* जन सुराज पार्टी मुख्यालय में आज गुरुवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, प्रदेश महासचिव किशोर कुमार, महासचिव सरवर अली, पार्टी की लीगल सेल के महासचिव अशोक कुमार दुबे और प्रवक्ता विवेक कुमार मौजूद रहे। पार्टी ने आज बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी पर प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में कागजी साक्ष्य पेश किए।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि प्रशांत किशोर जी ने जब अशोक चौधरी पर आरोप लगाए थे, तब सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि सबूत कहां हैं? हम बताना चाहते हैं कि इतने सबूत हैं कि सभी पेश नहीं कर सकते। इसलिए आज कुछ डॉक्यूमेंट आपके सामने रख रहे हैं।हमारा उद्देश्य है कि जनता को सच्चाई बताई जाये। जनता से मांग है कि इनके साथ न्याय करें।
इसके बाद प्रदेश महामहासचिव किशोर कुमार ने अशोक चौधरी की पत्नी नीता केसकर चौधरी और मानव वैभव विकास ट्रस्ट द्वारा कई कीमती जमीनों की खरीद मामले में कागजी साक्ष्य पेश किए। उन्होंने बताया कि नीता केसकर चौधरी ने साल 2021 और 2022 में दिलीप मित्तल और राकेश अग्रवाल नाम के बिल्डरों से दो प्रॉपर्टी की खरीद की। उन्होंने एक में अपनी पहचान में पति अशोक चौधरी का नाम दिया, जबकि दूसरे में अशोक चौधरी का नाम छिपाकर अपने पिता का नाम दिया। इन दोनों प्रॉपर्टी की खरीद में करीब सात करोड़ रुपये खर्च किए गए। इनका डीड नंबर 2939 और 4640 है। सवाल है कि नीता केसकर चौधरी के पास इतनी रकम कहां से आई? एक ही बिल्डर से खरीदी गई दोनों प्रॉपर्टी में उन्होंने अलग-अलग पहचान का इस्तेमाल क्यों किया? हमारा आरोप है कि यह व्यावसायिक जमीनें हैं जिनकी खरीद में काला धन का इस्तेमाल किया गया है। सरकार को एजेंसियों से इनकी जांच करानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि नीता केसकर चौधरी पंजाब नेशनल बैंक से करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के अन्य मामले में पहले से आरोपित हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी भी विचाराधीन है।
*किशोर कुमार ने मानव वैभव विकास ट्रस्ट से खरीदी गई जमीनों का भी दिया ब्योरा, कहा – 100 करोड़ बाजार मूल्य वाली जमीनें करीब 47 करोड़ में खरीदी गई*
किशोर कुमार ने आगे बताया कि स्वर्गीय किशोर कुणाल के परिवार से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के माध्यम से प्रॉपर्टी की खरीद के डॉक्यूमेंट भी आज शेयर कर रहे हैं। इनकी खरीद अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी और स्वर्गीय किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल के बीच वैवाहिक रिश्ता तय होने और विवाह होने के दरम्यान की गई। इस ट्रस्ट ने पहले कभी इतनी जमीनों की खरीदारी नहीं की। शादी तय होने के चार माह में ही हुई छह प्रॉपर्टी की खरीदारी के डिटेल हमारे पास हैं। यह सभी प्रॉपर्टी पटना के पॉश इलाकों में हैं, जिनमें 28 मार्च 2021 को श्रीकृष्णापुरी में 5.5 करोड़, 12 मई 2022 को रूपसपुर में 3.4 करोड़, इसी दिन रूपसपुर में ही 8.9 करोड़, 14 जुलाई 2022 को मैनपुरा में 7.2 करोड़, 15 जुलाई 2022 को पाटलिपुत्र में 2.05 करोड़ और पाटलिपुत्र में ही 15.50 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी गई है। इन सभी के लिए करीब 47 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। लेकिन इनका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। हम कहना चाहते हैं कि स्वर्गीय किशोर कुणाल जी या इस ट्रस्ट के ट्रस्टी जियालाल आर्या जी की छवि अच्छे लोगों की रही है। इस ट्रस्ट की सेक्रेटरी बिहार के मुख्य सचिव की माताजी प्रोफेसर कविता श्रीवास्तव हैं। लेकिन सवाल है कि जैसे ही अशोक चौधरी की बेटी की शादी सायन कुणाल से तय होती है, वैसे ही इस ट्रस्ट ने इतनी संपत्ति की खरीद क्यों की?
किशोर कुमार ने यह भी बताया कि अशोक चौधरी ने साल 2019 में अपने पीए रहे योगेंद्र दत्त से संपत्ति की खरीद कराई। फिर साल 2021 में अपनी बेटी शांभवी चौधरी के नाम पर जमीन का ट्रांसफर करा लिया। शांभवी चौधरी जिस वक्त पढ़ाई कर रही थीं, तभी उनके अकाउंट से योगेंद्र दत्त को 10 लाख रुपये दिए। बाद में इनकम टैक्स के नोटिस मिलने पर 27 अप्रैल 2025 को अशोक चौधरी ने योगेंद्र दत्त के अकाउंट में जबरन 25 लाख रुपया जमा किया। वजह कि योगेंद्र दत्त ने 4 साल बाद रुपये लेने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद छह मंत्रियों से इस्तीफ़ा लिया। सातवां तेजस्वी यादव से गठबंधन तोड़ दिया। अब हम जन सुराज की ओर से मांग करते हैं कि अशोक चौधरी से जवाब मांगें या उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। आपके निर्णय की बिहार के लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं। अगर यह लोग इस्तीफ़ा न दें तो सीधे बर्खास्त करें। इनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो हमलोग न्यायालय भी जा सकते हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि पहले जनता की अदालत में न्याय हो।