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किशनगंज : विधानसभा चुनाव 2025 हेतु व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग का प्रशिक्षण आयोजित निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर दिया गया विशेष जोर

किशनगंज,19सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन-2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को सम्राट अशोक भवन, खगड़ा, किशनगंज में आयोजित किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी विशाल राज ने की। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता, आई.टी. मैनेजर, डी.आई.ओ., नोडल पदाधिकारी शशि भूषण, सहायक नोडल पदाधिकारी अर्जुन कुमार सहित विभिन्न कोषांगों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

निर्वाचन में व्यय निगरानी की महत्वपूर्ण भूमिका

जिलाधिकारी विशाल राज ने उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग निर्वाचन की निष्पक्षता सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, “प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारी को गंभीरता से ग्रहण करें और उसे अपने कार्य में आत्मसात करें। किसी प्रकार की शंका या भ्रम हो तो प्रशिक्षकों से तुरंत स्पष्ट करें।”

एफएसटी और एसएसटी की सक्रिय भूमिका अनिवार्य

डीएम ने फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (FST) और स्टैटिक सर्विलांस टीम (SST) की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि ये टीमें अवैध नकदी, उपहार, और अन्य प्रलोभनों की निगरानी में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “एफएसटी जहां तत्काल कार्रवाई में सक्षम है, वहीं एसएसटी स्थायी निगरानी कर अनुश्रवण कार्य को मजबूती देती है।”

व्यय रजिस्टर की नियमित जांच का निर्देश

प्रशिक्षण के दौरान सभी कर्मियों को निर्देशित किया गया कि वे अभ्यर्थियों के व्यय रजिस्टर की नियमित जांच करें और उसमें दर्ज आंकड़ों का वास्तविकता से मिलान करें। किसी भी अनियमितता या विसंगति की स्थिति में तत्काल संबंधित पदाधिकारियों को सूचना दी जाए।

तकनीकी पहलुओं पर भी दिया गया प्रशिक्षण

आईटी प्रकोष्ठ द्वारा मोबाइल ऐप्स के माध्यम से सूचनाओं के अपलोड, प्रचार सामग्री, स्वीकृत वाहनों, तथा लाभार्थी आधारित गतिविधियों पर निगरानी जैसे विषयों पर तकनीकी जानकारी दी गई। यह सुनिश्चित किया गया कि व्यय अनुश्रवण से संबंधित सभी गतिविधियां डिजिटल रूप से पारदर्शी और समयबद्ध हों।

निष्पक्षता में कोई चूक नहीं होनी चाहिए: डीएम

अंत में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी उपस्थित कर्मियों से अपेक्षा की कि वे प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान का जमीनी स्तर पर ईमानदारीपूर्वक उपयोग करें और यह सुनिश्चित करें कि चुनाव प्रक्रिया पूर्णतः निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हो। उन्होंने दो टूक कहा, “निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग की पारदर्शी चुनाव कराने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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