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किशनगंज में संभावित भीषण बाढ़ 2025 को लेकर जिला प्रशासन और सेना की संयुक्त बैठक

जिलाधिकारी विशाल राज और कर्नल मनोज राठी की संयुक्त अध्यक्षता में हुई तैयारियों की समीक्षा, राहत व बचाव को लेकर रीयल टाइम समन्वय पर जोर

किशनगंज,01अगस्त(के.स.)। समाहरणालय स्थित सभागार में शुक्रवार को संभावित भीषण बाढ़ 2025 को लेकर समन्वयात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी विशाल राज एवं बेंगडुबी मिलिट्री स्टेशन, सिलीगुड़ी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनोज राठी ने संयुक्त रूप से की। बैठक में सेना की ओर से 10 सदस्यीय दल उपस्थित रहा, जिसका मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में सेना और जिला प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था।बैठक में जिलाधिकारी ने विगत वर्ष की बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने के अनुभव साझा किए। उन्होंने विशेष रूप से कम्युनिटी किचन की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आपदा के समय प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई और चिकित्सा सुविधाएं अत्यंत कारगर सिद्ध होती हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मदरसा भवनों से लाउडस्पीकर के माध्यम से समय पर सूचनाएं प्रसारित कर आमजन को सतर्क किया गया था।जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी आदित्य कुमार सिंह ने किशनगंज की भौगोलिक संरचना, वर्षा के आँकड़े और बाढ़ की संवेदनशीलता पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशनगंज बिहार का सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला जिला है।बैठक में बाढ़ पूर्व तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई। वर्तमान में 9812 पॉलिथीन शीट उपलब्ध हैं और 3500 अतिरिक्त शीट की मांग की गई है। 08 सरकारी नावें परिचालन योग्य हैं, एसडीआरएफ के पास 07 मोटर बोट हैं तथा 37 निजी नाव मालिकों से अनुबंध किया गया है। जिले में 220 राहत शिविर और उतनी ही सामुदायिक रसोई केंद्रों की पहचान की जा चुकी है।स्वास्थ्य सेवाओं के तहत ORS, ARV, ASV, हैलोजन टैब सहित 31 प्रकार की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई हैं। 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 74 स्वास्थ्य शिविर और 11 मोबाइल चिकित्सीय दल को सक्रिय किया गया है। पशुधन की सुरक्षा हेतु चारा, दवाओं और अस्थायी पशु शिविरों की व्यवस्था की गई है।

जिले के 14 कटाव प्रभावित स्थलों पर तटबंध संरक्षण कार्य जारी है, जिनमें माखानपुर, फुलगाछी, कांटा टप्पू, गुआबाड़ी, हरहरिया, सुहिया हाट, देवरीखास, धापरटोला, लोधाबाड़ी, सतमेरी, निशन्द्रा, सखुआबाड़ी, नवटोली एवं बेलवा प्रमुख हैं।SDRF द्वारा पंचायतवार प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल और डूबने से बचाव की तैयारियों पर विशेष बल दिया जा रहा है। नेपाल सीमा से सटे प्रखंडों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) का गठन किया गया है। संभावित आपदा में सैनिक सहयोग के लिए ठाकुरगंज में 19वीं और दिघलबैंक में 12वीं बटालियन की तैनाती सुनिश्चित की गई है।बैठक में निर्णय लिया गया कि बाढ़ पूर्व सभी तैयारियों की पुनः समीक्षा की जाएगी और जिला प्रशासन व सैन्य इकाइयों के बीच रीयल टाइम समन्वय स्थापित कर आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।

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