सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने बाल श्रम के विरूद्ध लिया शपथ

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बच्चे देश का भविष्य हैं उनका बचपन उन्हें लौटाना हम सबकी जवाबदेही हैः माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग, डॉ० प्रेम कुमार
14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराना गैर-कानूनी है, इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए : माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग, डॉ० प्रेम कुमार
आज दिनांक-12.06.2025 को “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” के अवसर पर सहकारिता मंत्री, डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि बाल श्रम शिक्षित समाज के लिए एक अभिशाप है। भारत सरकार ने बाल श्रम को रोकने के लिए कानून बनाए हैं कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराना गैर-कानूनी है, इसका कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। माननीय मंत्री ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं उनका बचपन उन्हें लौटाना हम सबकी जवाबदेही है, हम सब लोगों को मिलकर ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए, जहाँ हर बच्चा स्कूल जाये, खेले-कूदे एवं अपने सपने को पूरा कर सके। माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग ने सभी सहकारी समितियों (पैक्सों / व्यापार मण्डलों), गोदामों इत्यादि जगहों पर बाल श्रम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने पर बल दिया और साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया कि इन सभी स्थलों पर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य ना कराया जा सके।
आज सहकारिता विभाग द्वारा “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” के अवसर पर सहकारिता विभाग के सचिव श्री धर्मेन्द्र सिंह ने विभागीय परिसर में सहकारिता विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को “बाल श्रम उन्मूलन” को लेकर शपथ दिलाया।
विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों ने इस अवसर पर शपथ लिया कि वे किसी भी रूप में बाल श्रम का समर्थन नहीं करेंगे और ना ही उसे बढ़ावा देंगे। अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे से श्रम नहीं करवाया जाए। समाज में बाल श्रम के विरूद्ध जागरूकता फैलाने हेतु वे निरन्तर प्रयास करेंगे। सभी ने यह भी शपथ ली कि राज्य को बाल श्रम मुक्त राज्य बनाने के लिए वे पूरी ईमानदारी, संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ कार्य करेंगे।