किशनगंज : सही जानकारी ही डेंगू से बचाव का मुख्य उपाय: सावधानी और सतर्कता से करें सुरक्षा

किशनगंज,02 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, गर्मी के बाद शुरू हुए मानसून के मौसम में डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ने लगा है। मच्छर जनित रोगों में शामिल डेंगू, सही जानकारी और समय पर उपचार के अभाव में जानलेवा साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे डेंगू को लेकर सतर्क और जागरूक रहें, ताकि इसके संक्रमण से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।
डेंगू की पहचान और उसके लक्षण:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि डेंगू का मुख्य कारण एडीज नामक मच्छर है, जो दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। इसे आमतौर पर “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहा जाता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
- 3 से 7 दिन तक लगातार तेज बुखार
- सिर, आंख और जोड़ों में तीव्र दर्द
- उल्टी, चक्कर आना, शरीर पर लाल चकत्ते
- कुछ मामलों में आंतरिक या बाह्य रक्तस्त्राव
डॉ. आलम ने चेताया कि डेंगू का कोई प्रत्यक्ष इलाज नहीं है, लेकिन चिकित्सकीय निगरानी और बेहतर देखभाल से मरीज को स्वस्थ किया जा सकता है। बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना हानिकारक हो सकता है।
केवल 1% डेंगू जानलेवा, लेकिन लापरवाही बना सकती है गंभीर:
सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने जानकारी दी कि डेंगू तीन प्रकार का होता है—
- साधारण डेंगू
- डेंगू हैमरेजिक बुखार
- डेंगू शॉक सिंड्रोम
साधारण डेंगू सामान्य परहेज और देखभाल से ठीक हो जाता है। परंतु डेंगू हैमरेजिक और शॉक सिंड्रोम अधिक खतरनाक होते हैं, जिसमें रक्तचाप और शरीर में रक्तस्त्राव पर विशेष निगरानी की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, डेंगू के केवल 1 प्रतिशत मामले जानलेवा होते हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर यह खतरा 50 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय:
- आसपास सफाई रखें और किसी भी जगह पानी जमा न होने दें
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
- बच्चों को फुल आस्तीन की कमीज और फुल पैंट पहनाएं
- वाटर कूलर, गमले, टायर, और नल के आसपास पानी जमा न होने दें
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें:
डेंगू से बचाव केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। सही जानकारी, साफ-सफाई और समय पर चिकित्सकीय सलाह अपनाकर इस बीमारी से बचाव संभव है। आमजन को चाहिए कि वे अपने मोहल्ले में भी स्वच्छता और जागरूकता अभियान में भाग लें ताकि डेंगू जैसी बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सके।