किशनगंज : लैंगिक अपराधों से बालकों, बालिकाओं का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं नियम 2020 विषय पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण-सह-संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन
डीएम विशाल राज ने सभी थानाध्यक्ष एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिसेफ के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न उत्तर के माध्यम से इस कार्यशाला से लाभान्वित हों और इसे अपने कार्यक्षेत्र में प्रयोग करें ताकि पीड़ित बच्चों को न्याय मिल सके
किशनगंज, 12 सितंबर, (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कनकई सभागार में गुरुवार को लैंगिक अपराधों से बालकों, बालिकाओं का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं नियम 2020 विषय पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण-सह-संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य प्रतिभागी के रूप में सभी थानाध्यक्ष एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया।कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी विशाल राज, पुलिस अधीक्षक सागर कुमार, उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता, सहायक निर्देशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, अनुमंडल पुलिस अधिकारी किशनगंज द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।सहायक निर्देशक रविशंकर तिवारी द्वारा जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों को पौधा देकर सम्मानित किया गया।डीएम विशाल राज ने सभी थानाध्यक्ष एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिसेफ के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न उत्तर के माध्यम से इस कार्यशाला से लाभान्वित हों और इसे अपने कार्यक्षेत्र में प्रयोग करें ताकि पीड़ित बच्चों को न्याय मिल सके। पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने अपने संबोधन में पॉक्सो वाद में बच्चों के प्रति संवेदनशील रहकर सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए, बच्चों की पहचान गुप्त रखना, सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही। उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता ने कहा की बच्चों के मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए लैंगिक अपराधों से बचाव अति आवश्यक है एवं ऐसे अपराधों का त्वरित निष्पादन भी सुनिश्चित किया जाए ताकि न्याय की दिशा में सकारात्मक प्रयास हो।यूनिसेफ के परामर्शी शाहिद जावेद एवं सैफुर्र रहमान द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देख रेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत बच्चे की परिभाषा एवं उम्र निर्धारण की प्रक्रिया, किशोर न्याय परिषद, बाल कल्याण समिति की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा पॉक्सो अधिनियम की धारा 19 पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा गया कि यह अति आवश्यक है कि किसी भी तरह की घटना पर तत्काल शिकायत दर्ज की जाए अन्यथा धारा 21 के तहत दंडात्मक कारवाई की जा सकती है, साथ ही 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति को उसकी सूचना दी जाए। बच्चे को चिकित्सा, संरक्षण, काउंसलिंग, कंपनसेशन आदि की प्रक्रिया त्वरित रूप से कराने के लिए संबंधित प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया गया। बच्चों पर किए गए अपराधों के संबंध में किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 से धारा 85 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने की बात की गई। पॉक्सो नियम 2020 के प्रावधानों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।कार्यशाला में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष उषा कुमारी, किशोर न्याय परिषद के सदस्य रविन्द्र कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी राजीव ग्रेन, अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता पंकज झा, चाइल्डलाइन समन्वयक मनोज कुमार सिंह, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान समन्वयक डिंपल कुमारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।