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किशनगंज : विशेष स्तन में गांठ या ब्रेस्ट नोट्स है ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण, तत्काल कराएं जांच।

विश्व कैंसर दिवस जागरूकता सप्ताह : 

  • जांच के बाद तत्काल इलाज करवाने पर सम्भव है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें जीवन क्रम को व्यवस्थित तो दूर होगी परेशानी।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, ब्रेस्ट नोट्स या स्तन में गांठ का होना ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। बावजूद इसके स्तन में बनने वाले प्रत्येक गांठ से स्तन कैंसर ही हो यह कोई आवश्यक नहीं है। कभी-कभी ब्रेस्ट में सिस्ट से भी गांठ बन जाता है। बावजूद इसके ब्रेस्ट नोट्स के प्रति लापरवाह होने की कतई आवश्यकता नहीं है। स्तन में गांठ बनने की थोड़ी भी आशंका होने पर महिलाओं को तत्काल डॉक्टर से सलाह लेने के बाद स्तन कैंसर की जांच करवाने की आवश्यकता है। जांच में स्तन कैंसर के लक्षण पाए जाने के बाद महिलाओं को तत्काल हीं विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच करवानी शुरू कर देनी चाहिए। इसमें थोड़ी भी लापरवाही महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि हमारे समाज में इन दिनों करियर बनाने और जॉब हासिल करने के इंतजार में लड़कियां अधिक उम्र में शादी करती हैं। इसके साथ ही शादी के बाद भी अपने शरीर की फिगर बिगड़ नहीं जाए, इस डर से मां भी देर से बनती हैं। इतना हीं नहीं मां बनने के बाद भी लड़कियां शरीर का फिगर बिगड़ने के डर से अपने बच्चों को स्तनपान कराने से भी परहेज करती हैं। यही कारण है कि आजकल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को सही तरीके से स्तनपान कराने से काफी हद तक वो इस खतरे से बच सकती हैं। यहां सभी उम्र की महिलाओं को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि यह परेशानी किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है।जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया स्तन कैंसर के खतरे को दूर करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक है। इसके साथ ही नमक का सेवन अधिक करने से भी परहेज करना चाहिए। दरअसल, शारीरिक आकार में बदलाव यानी मोटापा होने से भी कैंसर के दायरे में आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, स्वस्थ्य शरीर निर्माण के लिए नियमित रूप से व्यायाम और रहन-सहन में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के स्तन के आकार में अचानक भारी बदलाव होने, स्तन या बांह के नीचे छूने पर गाँठ महसूस करने, स्तन छूने पर दर्द होने, स्तन में सूजन या आकार में अचानक भारी बदलाव होने पर उन्हें सावधान हो जाने की आवश्यकता है। इसके बाद किसी भी तरह की आशंका होने पर महिलाओं को विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क कर इसकी जांच करवानी चाहिए। जांच के बाद स्तन कैंसर के लक्षण मिलने के बाद चिकित्सकीय परामर्श का पालन करना चाहिए। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की लाइफ स्टाइल में बदलाव, रेगुलर स्वास्थ्य जांच, शुरूआती दौर में रोग की पहचान व उपचार से कैंसर से होने वाली मौत को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। लिहाजा विश्व कैंसर जागरूकता सप्ताह के मौके पर जिले में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियां यों आयोजित की जा रही है। इसी क्रम में 10 फ़रवरी तक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष कैंसर स्क्रीनिंग सह परामर्श शिविर आयोजित किया जा रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट मेडिकल अस्पताल भेजा जाएगा, जहां लोग निःशुल्क अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं।

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