बिना किसी साक्ष्य के विधायक मनोज मंज़िल समेत 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा न्यायिक जनसंहार-दीपंकर भट्टाचार्य
भाकपा माले का जिला स्तरीय कैडर कन्वेंशन गड़हनी में हुआ आयोजित!

गुड्डू कुमार सिंह:–आरा/कन्वेंशन की अध्यक्षता और संचालन भाकपा माले भोजपुर जिला सचिव जवाहर लाल सिंह ने किया ।
मुख्य वक्ताओं में माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल जी,तरारी विधायक सुदामा प्रसाद,पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह,आरा लोक सभा के पूर्व प्रत्यासी सदस्य राजू यादव,इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी,ऐपवा जिला सचिव इंदु सिंह,आरवाईये राज्य सचिव शिव प्रकाश रंजन,आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार,विधायक मनोज मंज़िल की पत्नी शिला कुमारी ने किया संबोधित ।
कैडर कन्वेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के विधायक मनोज मंज़िल समेत हमारे 23 कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाना न्यायिक जनसंहार है,सरकार को लगा कि हम माले के लोगों को झटका दे दिया,लेकिन जब-जब हमें झटका देने की कोशिश हुई है तब जनता उनको और बड़ा झटका देती है,देश मे विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की साजिश चल रही है यह बीजेपी के अभियान का पार्ट है भोजपुर की यह घटना । भोजपुर की लड़ाई सामंती ताकतों और उनकी संरक्षक पार्टियों से हमेशा से रही है,गरीबों की जब जब राजनीतिक लड़ाई तेज हुई तब-तब बड़े-बड़े हमले हुए हैं। आज जब हमारी राष्ट्रीय पहचान बढ़ी है,हमारी पार्टी की गरीबों के बीच प्रभाव बढ़ा है तो जनता की सुख-दुख की लड़ाई लड़ने वाले हमारे नौजवान नेता मनोज मंज़िल शासक-सामंती ताकत के आंखों की किरकिरी बने हुए हैं,उन्हें फर्जी केश में सजा सुनाई गई है । हमने देखा है शासक वर्ग जब भी हमला किया है तब-तब जनता ने उन्हें माकूल जबाब दिया है । अगिआंव से माले विधायक का. मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है, जेल व दमन के जरिए दलितों-गरीबों की आवाज दबाई नहीं जा सकती. हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2015 के ठीक पहले जेपी सिंह की हत्याकांड मामले में भाजपा के स्थानीय नेताओं के इशारे पर का. मनोज मंजिल और हमारे अन्य पार्टी नेताओं पर हत्या का झूठा मुकदमा थोप दिया गया था. उस घटना के कुछ दिन पहले ही हमारी पार्टी के स्थानीय नेता का. सतीश यादव की हत्या भाजपाइयों ने कर दी थी. उनके हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन दलित-गरीबों की लड़ाई लड़ने और सड़क पर स्कूल आंदोलन के चर्चित नेता मनोज मंजिल को एक गहरी साजिश के तहत फंसाकर सजा करवा दी गई. भाजपाई और इलाके की सामंती ताकतें मनोज मंजिल की बढ़ती लोकप्रियता से काफी घबराई हुई थी।
एक तरफ जहां हमारे नेताओं को सजा सुनाई गई, वहीं न्यायालय ने दलित-गरीबों के हत्यारे को लगातार बरी करने का काम किया है. बिहार में सत्ता बदलते ही भाजपाई अपने रंग में आ चुके हैं, लेकिन उनके नापाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
सम्मेलन में शामिल नेताओं में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल जी,तरारी विधायक सुदामा प्रसाद,पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह,आरा लोक सभा के पूर्व प्रत्यासी सदस्य राजू यादव,इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी,ऐपवा जिला सचिव इंदु सिंह,आरवाईये राज्य सचिव शिव प्रकाश रंजन,आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार,विधायक मनोज मंज़िल की पत्नी शिला कुमारी,अगिआंव अंचल सचिव रघुवर पासवान,चरपोखरी अंचल सचिव महेश सिंह,गड़हनी अंचल सचिव सुनील कुमार,राम छपित राम,जन कवि निर्मोही जी,युवा नेता मो.सोनू,अप्पू यादव,हरिनारायण साव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे ।