प्रमुख खबरेंराज्य

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी-सीबीसी में हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी पखवाडा का हुआ शुभारंभ…..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-बेहिचक सरकारी कामकाज में हिंदी का हो सर्वाधिक प्रयोग एस के मालवीय, अपर महानिदेशक, पीआईबी-सीबीसी अहिन्दी क्षेत्रों में संपर्क भाषा है हिंदी : शिवदयाल, साहित्यकार

हिंदी दिवस के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) और केन्द्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) में संयुक्त तत्वावधान में हिंदी पखवाडा का शुभारंभ गुरुवार (14 सितम्बर 2023) को कर्पूरी ठाकुर सदन, पटना में पीआईबी-सीबीसी के अपर महानिदेशक एस के मालवीय, चर्चित साहित्यकार शिवदयाल, पीआइबी के निदेशक आशीष ए.के.लाकरा और सीबीसी के प्रमुख एवं उपनिदेशक संजय कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। साथ ही मौके पर सभी ने राजभाषा-हिंदी के प्रयोग, प्रचार और प्रसार को बढ़ने की प्रतिज्ञा ली ।
मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पीआईबी-सीबीसी के अपर महानिदेशक एस के मालवीय ने कहा कि हिंदी पूरे हिंदुस्तान की भाषा है, लेकिन अंग्रेजी का प्रयोग हीनभावना से हो रहा है। हमें बेहिचक हिंदी हो अपनाते हुए हीनभावना से बहार निकलना होगा। उन्होंने कहा कि हमें कम से कम अपना हस्ताक्षर हिंदी में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंगेजी एक विशेष वर्ग की भाषा बनी हुई है, जो हमें भाषायी गुलाम बनाये हुए है। इससे बाहर निकने की जरूरत है। श्री मालवीय ने कहा कि कई देशों में वहां की मातृभाषा राष्ट्रभाषा है। हमें भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए क्योंकि हिन्दी हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता चर्चित साहित्यकार शिवदयाल ने कहा कि हिन्दी के प्रयोग को लेकर हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है, क्योंकि आजादी के 75 साल के बाद भी हम आज हिन्दी के प्रयोग की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को प्राथमिकता दी गई है। यह एक अच्छी पहल है, जो हमें अंग्रेजी भाषा की मानसिक गुलामी से मुक्ति दिलाएगा। साथ ही आने वाली पीढ़ी को इससे फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रयोग की बात है, तो हिन्दी भाषी क्षेत्रों में हो ही रहा है और साथ ही अहिन्दी क्षेत्रों में पहल को और तेज करने की जरूरत है क्योंकि हिन्दी पूरे देश भर में बोली और समझी जाती है।

वहीँ, पीआइबी के निदेशक आशीष ए के लाकरा ने अपने संबोधन में कहा कि अहिन्दी क्षेत्रों में संचार के लिए हिन्दी का प्रयोग को बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सेवा में देश भर में तबादले होते रहते हैं, ऐसे में अहिन्दी क्षेत्र में संचार के लिए अधिकारी और सहयोगी आपस में हिन्दी भाषा में ही संपर्क करते हैं। हालांकि वह टूटी-फूटी होती है। जरूरत है अहिन्दी भाषी अधिकारी/सहयोगियों के बीच हिन्दी सीखने-सिखाने का प्रयास होने चाहिए।

इस अवसर पर सीबीसी पटना के प्रमुख एवं उपनिदेशक संजय कुमार ने कहा कि संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा स्वीकारा गया था। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के सम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इस स्मृति को याद रखने और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं कार्यालय सहयोगियों के बीच एक पखवाड़े तक हिंदी को सरकारी कामकाज में बढ़ावा देने के उदेश्य से हिंदी दिवस के मद्देजर आयोजित हिंदी पखवाडा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।
मौके पर सीबीसी, पटना के कार्यक्रम प्रमुख पवन कुमार सिन्हा ने कहा कि हिन्दी संपर्क भाषा है और इसे बनाने में हिन्दी फिल्म, साहित्य और टीवी की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा कि हिन्दी बहुत आगे निकल चुकी है इसका प्रयोग विश्वव्यापी और ठीक-ठाक हो रहा है। दक्षिण और उत्तर-पूर्व में हिन्दी लोग बोलते और समझते हैं। जरूरत है इसे और संबल बनाने की। कार्यक्रम का संचालन सीबीसी, पटना के कार्यक्रम प्रमुख पवन कुमार सिन्हा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सीबीसी, पटना के सहायक निदेशक एन एन झा के द्वारा किया गया। हिंदी पखवाडा समारोह का संयोजन कार्यालय सहायक अफरोज आलम के द्वारा किया गया। मौके पर पीआईबी-सीबीसी के अधिकारी एवं कार्यालय सहयोगी मौजूद रहे।
**

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button