किशनगंज में भूमाफियाओं की दबंगई, गरीब दलित की जमीन पर फर्जीवाड़ा कर कब्जा
पीड़ित ने डीएम से लगाई गुहार, वर्षों से न्याय के लिए भटक रहा परिवार

किशनगंज,11सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में एक बार फिर भूमाफियाओं की दबंगई और प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। महेशबथना गांव निवासी दलित समुदाय के गरीब मजदूर देवशरण ऋषिदेव ने जिले के वरीय अधिकारियों को आवेदन देकर अपनी पुश्तैनी जमीन पर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए कब्जा और मकान निर्माण का गंभीर आरोप लगाया है।
देवशरण ने बताया कि उनकी जमीन उनके नाना स्व. लदू मुसहर से खतियान में दर्ज है। यह जमीन मौजा चकला, खाता संख्या 136, और खेसरा संख्या 1297/10D, 1298/24D, 1299/31D, 1347/06D, 1292/07D, 1293/42D के अंतर्गत कुल 1 एकड़ 22 डिसमिल है। पीड़ित का दावा है कि वे वर्षों से बाहर रहकर मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे, जिसका फायदा उठाकर चार भूमाफिया – नुरूल, मो. रफीक, वहाव हाजी और लतीफ (सभी स्व. अब्दुल सलाम हाजी के परिजन) ने गुंडागर्दी और फर्जी रजिस्ट्री के बल पर उनकी जमीन हड़प ली।
देवशरण का आरोप है कि उनकी मां की मृत्यु के बाद 2017 में उक्त लोगों ने हथियारों के बल पर जमीन पर कब्जा किया, और विरोध करने पर उन्हें मारपीट, जातिसूचक गालियां और जान से मारने की धमकी दी गई। कब्जे के बाद भूमि का आधा हिस्सा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से रजिस्ट्री कर मकान बनवा दिया गया, जिसे अब किराये पर चढ़ाया जा चुका है।
पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस से दस्तावेजों की दूसरी प्रति निकाली, तो पाया कि उस पर उनका हस्ताक्षर ही नहीं है। यह पूरी प्रक्रिया फर्जी और अवैध है। देवशरण का कहना है कि उन्होंने पहले भी डीएम को आवेदन दिया था, जिस पर अनुमंडल दंडाधिकारी और भूमि सुधार उपसमाहर्ता को जांच सौंपी गई थी, लेकिन कथित रूप से भूमाफियाओं ने पैसे के दम पर जांच को प्रभावित करवा दिया।
बाद में किशनगंज अंचल अधिकारी ने जांच कर पीड़ित के पक्ष में आदेश भी पारित किया, लेकिन इसके बावजूद अब तक देवशरण के नाम पर जमाबंदी नहीं की गई। पीड़ित ने डीएम से भूमाफियाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई और जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।
यह मामला न केवल एक गरीब दलित परिवार के साथ हुए अन्याय को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे भूमाफियाओं की पकड़ सरकारी सिस्टम पर हावी हो चुकी है, और प्रशासनिक लापरवाही आमजन को न्याय से वंचित कर रही है।