किशनगंज : ठण्ड के मौसम में जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में शतप्रतिशत डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य–जिलाधिकारी
स्वास्थ्य के सभी सूचकों पर लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करें।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड सुरक्षा के मापदंडों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल सहित रेफरल व पीएचसी स्तर पर ठण्ड के मौसम में उपलब्ध संसाधन की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। जिला सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम के द्वारा ठण्ड के मौसम में जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में शतप्रतिशत डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य के साथ अस्पतालों में उपलब्ध बेड, लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एम्बुलेंस की उपलब्धता, टेस्टिंग लैब में उपलब्ध आरटीपीसीआर, आरएटी किट्स, टेस्टिंग उपकरण, पीपीई किट्स, एन-95 मास्क की उपलब्धता, ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर आदि सुनिश्चित करने का दिशा निर्देश दिया गया है। डीएम के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए शतप्रतिशत जिले के सभी ग्रामीण स्वास्थ्य स्वछता एवं पोषण दिवस जो मनाने का निर्देश दिया गया है जिसमे मुख्य रूप से नियमित टीकाकरण, मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य एवं कुपोषण को दूर भगाने में काफी सहयोग मिलेगा। साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दिन गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाया जा रहा जिसमें प्रसव पूर्व 4 हीमोग्लोबिन, बीपी जांच की जाती है, जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच को गंभीरता से लेते हुए ससमय आईएफए का वितरण सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने दिया। जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों की सफलता के लिये वीएचएएसएनडी सत्र का सफल संचालन जरूरी है। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार, समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक सेवाओं की पहुंच, लाभुक व सेवाप्रदाता के बीच बेहतर समन्वय व विश्वास का माहौल पैदा करना हर कदम बढ़ते कदम अभियान का प्राथमिक उद्देश्य है। इसकी सफलता वीएचएसएनडी सत्र के सफल संचालन में निहित हैं। लिहाजा इसे लेकर जरूरी पहल की जा रही है। डीएम समीक्षा बैठक के दौरान कोरोना जांच एवं संक्रमण, कोविड-19 टीकाकरण, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीज़ों की देखभाल, एनसीडी कार्यक्रम, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एचडब्लूसी) के माध्यम से आयुष्मान भारत कार्यक्रम, संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रजनन बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरसीएच), अनमोल, संधारण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं वित्त विभाग से जुड़े कार्यक्रमों एवं विभिन्न प्रकार के योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा कर जानकारी ली गई। जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारु रूप से क्रियान्वयन करने हेतु सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया जिसमे सातो प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में कायाकल्प के तहत सारी कार्य करने से स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाया जा सकता है। जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट, डिजिटल एक्सरे, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्लड बैंक, डिलीवरी रूम, सिटी स्कैन की सुविधा दी जा रही है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजीम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, एसएमसी एजाज एहमद, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।