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सेवा शर्तों की प्रति जलाकर शिक्षकों ने जताई विरोध, कहा राष्ट्रीय मानक का हुआ उल्लंघन

गुड्डू कुमार सिंह आरा ।   बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति प्रखण्ड ईकाई गडहनी द्वारा प्रदत्त नियोजित शिक्षक सेवा शर्त 2020 को घोर निराशाजनक बताया गया।इस सेवा शर्त से नाराज आक्रोशित शिक्षकों ने बीआरसी भवन गडहनी मे सेवा शर्त की कौपी को बिरोध स्वरूप जलाया। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों की चिर प्रतिक्षीत सेवा शर्तें एवं 15% वेतन-वृद्धि की घोषणा की जो कि अगले वर्ष अप्रैल माह से लागू होना है। मौके पर उपस्थित शिक्षक नागेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से कोई सरोकार नहीं है, केवल वोट बैंक की राजनीति को मद्देनजर राष्ट्रीय मानक शिक्षा के अधिकार अधिनियम, एन सी टी ई एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सुझावों का अवहेलना की गई है।वहीं शशि भूषण सिंह ने कहा कि सरकार ने केवल शिक्षकों के साथ छलावा किया है न हमें ग्रेच्युटी लाभ, न बीमा का लाभ, न ही शिशु देखभाल की लाभ दी गई है।सर्वजीत सिंह ने कहा कि चुनाव के लिए अमेरिका से तुलना करने वाली सरकार शिक्षा एवं शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाकर छोड़ दिया है। पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण नहीं एवं ई एल भी 120 दिन दिया गया है वनिस्पत तीन सौ दिन। इस शोषणकारी सरकार के खिलाफ शिक्षक सभी आपसी मतभेदों को भुलाकर जाति-धर्म  से ऊपर उठकर अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।मौके पर नागेन्द्र कुमार सिंह शशि भूषण सिंह सर्वजीत सिंह इन्द्रजीत सिंह प्रवीण कुमार सिन्हा जय विहारी राम ददन पासवान अजय कुमार महेश प्रसाद राम राज चौबे रवि कुमार सुनिल कुमार विजय कुमार रविन्द्र सिंह अरबिन्द मिश्र उमेश कुमार उपेन्द्र कुमार सिंह सहित सैकडों शिक्षक ने सेवा शर्त की कौपी जलाकर बिरोध जताया।

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