सदर अनुमंडल पदाधिकारी आरा को आपूर्ति निरक्षक द्वारा 7 नयमो की अवहेलना करने वाले करोड़पति डीलर की अनुज्ञप्ति रद्द करने के लिये की अनुशंसा

भोजपुर गुड्डू कुमार सिंह अनुज्ञप्ति की 7 शर्तों का उल्लंघन करने वाले डीलर पर करवाई की गेंद अब सदर अनुमंडल पदाधिकारी के पाले में।जनवितरण प्रणाली बिक्रेता अनु सं – 134 /16 आरा वार्ड 45 द्वारा दिये गए स्पस्टीकरण पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी के पत्रांक- 1545 दिनांक 24.06.20 से आपूर्ति निरीक्षक द्वारा दी गई मंतव्य में अनिमितताओं के हुए कई खुलासे।जाँच के क्रम अर्शे से उड़ती नियम कानून की धज्जियां देख भौतिक सत्यापन के पश्चात आरा शहर के आपूर्ति निरक्षक रश्मि शारिका ने कड़ा रुख अख्तियार कर अनुज्ञप्ति की कई शर्तों का उल्लंघन करने वाले डीलर रविशंकर प्रशाद की लाइसेंस रदद् करने की अनुशंसा की हैं , आपूर्ति निरीक्षक द्वारा अपने जांच रिपोर्ट मे अनुज्ञप्ति की 7 नियमों की अवेहलना की पुष्टि की हैं।विदित हो कि जन वितरण प्रणाली के डीलर रविशंकर प्रसाद पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा POS मशीन के माध्यम से वितरण सहित कई अनिमितताओं को लेकर स्पस्टीकरण निर्गत की गई थी , जिसके जबाब में डीलर द्वारा अपने प्रति वेदित आवेदन में बताया गया कि कुछ उपभोक्ता का आधार नंबर गलत रहने के कारण POS मशीन से वितरण नहीं किया गया , कुछ कार्डधारी लॉकडाउन में बाहर फंसे हुए हैं जिसके वजह से POS मशीन से वितरण नहीं हुई।उक्त स्पष्टीकरण पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा आपूर्ति निरीक्षक से मंतव्य की मांग की गई थी।आपूर्ति निरक्षक द्वारा सदर अनुमंडल पदाधिकारी को पत्रांक 111 दिनांक 22 .7 .2020 को अपने जांच प्रतिवेदन समर्पित कर, डीलर द्वारा दी गई स्पष्टीकरण को अमान्य बताते हुए , डीलर द्वारा की गई 7 गम्भीर अनियमितताओं को उल्लेखित कर अनुज्ञप्ति की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में अनुज्ञप्ति रद्द करने की अनुशंसा की गई है ।
आपूर्ति निरीक्षक द्वारा अपने जाँच रिपोर्ट में अनुज्ञप्ति की विभिन्न शर्तों का उल्लंघन बताया
1 जन वितरण प्रणाली द्वारा शत-प्रतिशत वितरण न करना मई माह में 35 .45% वितरण अगले माह यानी जून 2020 में वितरण प्रतिशत में वृद्धि नहीं ।
2 विक्रेता के भंडार में अवशेष खाद्यान्न की मात्रा चावल -208.80 कवि. गेहूँ -46.63 कवि. दाल – 3.03 कवि.
जाँच के पूर्व विक्रेता अपने द्वारा भंडार में बच्चे खाद्यान्न की सूचना कार्यालय को नहीं दी गई ।
3 प्रतिमाह कम वितरण करना ।
4 पात्र लाभुकों के सत्यापन नहीं करना ।
5 अपात्र लाभुकों की सूचना कार्यालय को नहीं देना
6 विक्रेता द्वारा स्वयं दुकान का संचालन नहीं करना
7 दुकान का संचालन करने वाले व्यक्ति अनुज्ञापन पदाधिकारी द्वारा निर्गत पदाधिकारी पत्र भी नहीं।
आपूर्ति निरक्षक द्वारा उपरोक्त तथ्यों के आलोक में विक्रेता के स्पष्टीकरण को अस्वीकार करते हुए अनुज्ञप्ति रद्द करने की अनुशंसा की गई है ।अब पूरी तरह से अनुज्ञप्तिधारी की नकेल कशने की बारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरूण प्रकाश के हाथों में चली गईं हैं ,देखना यह हैं कि लंबे समय से जारी सहमति और भुगतान रूपी अघोषित गठबंधन से आम आवम के हितों की रक्षा सुशाशन में होती हैं या नही या एक बार फिर सुशासन की मिटी पलीद होगी , वैसे तो दशको से जारी उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिये अनुज्ञप्तिधारी के लंबे हाथ और उच्च स्तरीय पैरवी के वजह से आज तक कुछ नही बिगाड़ पाई ।जिसके वजह से गरीबों के हित मे सरकार द्वारा दी जा रही लाभ पात्र लाभुकों तक नहीं पहुंच पता है जिसके वजह से आये दिन सरकार को बदनामी का सामना करना पड़ता है ।