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*संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और खेत-मजदूर संगठनों के साथ 26 नवंबर 2024 को जिलास्तरीय किसान-मजदूर चेतावनी रैली का आह्वान किया*

क़ूणाल कुमार/ पटना के केदार भवन में संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक का एजेंडा संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 26 नवंबर 2024 को जिलास्तरीय किसान-मजदूर चेतावनी रैली के क्रियान्वयन और बिहार में भूमि अधिग्रहण, भू-सर्वे, और स्मार्ट मीटर जैसी किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा था। बैठक की अध्यक्षता राम चन्द्र महतो और विनोद कुमार ने की।

संयुक्त किसान मोर्चा ने चौसा के किसान नेता अशोक तिवारी की जघन्य हत्या पर शोक व्यक्त किया और प्रशासन से किसानों के लिए न्याय और सुरक्षा की अपील की। बैठक की शुरुआत में किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह ने 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा की बैठक की रिपोर्ट पेश की।

संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा की बैठक ने 26 नवंबर 2024 को किसानों के ऐतिहासिक “दिल्ली चलो” मार्च और मजदूरों की आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर देश के 500 जिलों में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और खेत-मजदूर संगठनों के साथ किसान-मजदूर चेतावनी रैली का आह्वान किया।

किसान-मजदूर चेतावनी रैली के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा कृषि के कॉरपोरेटीकरण के खिलाफ किसानों के छः प्रमुख मांगों को उठाएगा:
1. सभी फसलों की खरीद के साथ सी-2+50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की जाए
2. किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना लागू किया जाए
3. बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगाई जाए
4. कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफे के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए
5. फसलों और पशुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापक बीमा योजना लागू किया जाए
6. ₹ 10,000 मासिक पेंशन लागू किया जाए

संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार ने राज्य के सभी जिलों में किसान-मजदूर चेतावनी रैली के क्रियान्वयन का निर्देश जारी किया। इसके लिए 10 अक्टूबर तक सभी जिलों में संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। 26 नवंबर 2024 को सभी जिला मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा और जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र सौंपा जाएगा। इसके लिए जिलों में पर्चा और मांग-पत्र के माध्यम से प्रचार-प्रसार आयोजित किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बिहार में भूमि अधिग्रहण, भू-सर्वे, और स्मार्ट मीटर जैसी किसान-विरोधी नीतियों का संज्ञान लिया। भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार कानून, 2013 की अवहेलना करते हुए बिहार में किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहण की जा रही है। स्मार्ट मीटर में व्यापक गड़बड़ी पाए जाने और इसके जन-विरोध के बावजूद राज्य सरकार इस लोगों पर थोपने के लिए आमद है। बिहार भू-सर्वे के माध्यम से किसानों को परेशान और भूमिहीनों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा राज्य सरकार से इन किसान-विरोधी नीतियों पर रोक लगाने की मांग करता है।

बैठक में अखिल भारतीय किसान महासभा से उमेश सिंह और कृपा नारायण सिंह, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) से विनोद कुमार और सोना लाल प्रसाद, बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) से रामचंद्र महतो, रवीन्द्र नाथ राय, प्रमोद प्रभाकर और गोपाल शर्मा, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा से नन्द किशोर सिंह, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन से इंद्रदेव राय, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा से रामबॄक्ष राम, जय किसान आंदोलन से ऋषि आनंद, किसान एकता मंच से उमेश शर्मा, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से उदयन राय, बिहार किसान समिति से पुकार, क्रांतिकारी किसान यूनियन से मनोज कुमार, प्रगतिशील किसान संघ से राम चन्द्र आजाद, उत्तर कोयल नहर किसान संघर्ष मोर्चा से बालेश्वर प्रसाद यादव और नन्द लाल सिंह, भारत माला सड़क परियोजना प्रभावित किसान मोर्चा से मनीष कुमार, प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा से सत्येन्द्र नारायण, किसान नेता सुरेश सिन्हा प्रभाकर, पूर्व न्यायाधीश दामोदर प्रसाद और सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद कमाल सहित बिहार के प्रमुख किसान नेता उपस्थित हुए।

 

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