म्यूज़ियम पिछले 200 सालों से बंद पड़ा था।जब लोगों ने बेसमेंट में जा कर देखा…
बचपन में दादी-नानियों से भूत-प्रेत व परियों की कहानी सूनकर लगता था,जैसे ज़रुर कहीं किसी और दुनिया में ऐसे रहस्यमय जीव रहते होंगे।मगर जैसे बड़े होते गए तो पता चला कि ये सब महज़ एक काल्पनिक कहानी के बुने हुए कैरेक्टर्स हैं।लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हुआ जिसे देख पूरी दुनिया हैरान हो गई और सोच में पड़ गई कि कहीं वो कहानियां सच तो नहीं थी।अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा जिसके कारण लोग बचपन में सुनी या फिर टीवी पर देखी उन कहानियों को सच मानने पर मजबूर हो गए।तो हम आपको बता दें कि दरअसल,लोग इस कश्मकश में तब फंसे जब लेंदन में स्थित मेरीलिन क्रीपिड म्यूज़िमय का बेसमेंट खोला गया।जानकारी के मुताबिक ये म्यूज़ियम पिछले 200सालों से बंद पड़ा था।जब लोगों ने बेसमेंट में जाकर देखा
तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई क्योंकि जो कि उन्होंने कहानियों में सुना और टीवी पर देखा था उन्हे वे अपनी आंखो से देख रहे थे।जी हां,आपकी जानकारी के लिए बता दें कि म्यूज़िमय के अंदर से वेयरवूल्व्स,वेम्पायर्स,एलियंस,ड्रैगन्स सहित कई मिस्टीरियस जानवरों के अवशेष पाए गए।कहा जाता है कि ये कलेक्शन 1800 सदी के ऑर्क्योलॉजिस्ट और बायोलॉजिस्ट प्रोफेसर थॉमस थिओडोर मेडिलिन का था।शुरुआत में तो लोगों ने इसे फर्जी कलेक्शन माना लेकिन बाद में कई बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने भी उनकी बुद्धिमानी को सलाम किया।इस अजीबो-गरीब कलेक्शन पंखो वाली परी से लेकर ड्रैगन जैसे दिखने वाले कई काल्पनिक जीव थे।
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उसके अलावा यहां जार्स में इंसानी दिल कुछ बॉडी पार्ट भी पाए गए।कहा जाता है कि थॉमस 80 के उम्र में भी 40 के नज़र आते थे।कहा जाता है कि सन् 1942 में थॉमस की मौत के बाद इस बिल्डिंग को एक अनाथायल को दे दिया गया था। बस शर्त ये रखी गई थी कि इस म्यूज़ियम का तेहखाना कभी नहीं खोला जाएगा।बस उस दिन के बाद वो शख्स कभी नहीं दिखा।फिर जब साल 2006 में बिल्डिंग को गिराने के मकसद से इस तहखाने का ताला तोड़ा गया तो सामने का नज़ारा बेहद हैरान कर देने वाला था।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर