दिघलबैंक थानाध्यक्ष के रवैये के खिलाफ रविवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया और बाद में गेट के सामने धरना पर बैठे गए।वे थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह व एएसआइ वेदानंद कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे।पोठिया थाना कांड के ठीक एक दिन बाद थाने के सामने उग्र ग्रामीणों को देख थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना जिला मुख्यालय को दी।इसके बाद एसडीपीओ कामिनी बाला व बहादुरगंज, कोढ़ोबाड़ी,गंधर्वडांगा थानाध्यक्ष बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।एसडीपीओ ने ग्रामीणों से बातचीत कर मामले का हल निकालने के लिए बैठक की।एसडीपीओ की बात से सहमत ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष पर दुष्कर्म,चोरी व मारपीट का मामला दर्ज करने के बदले पंचायत करने का आरोप लगाते हुए एसपी के नाम आवेदन सौंपा।इसके बाद एसडीपीओ ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया।उनके आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए,जानकारी के अनुसार थानाध्यक्ष के रवैये से उग्र मालटोली के आदिवासी व आसपास के ग्रामीण दोपहर एक बजे थाने के सामने धरना-प्रदर्शन करने लगे।उनका कहना था कि गुरुवार शाम नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास का मामला दर्ज करने के बदले थानाध्यक्ष पंचायती कर मामला सलटाने का दबाव दे रहे हैं।लोगों का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने पीड़िता के परिजन पर ही मामला दर्ज कर दिया।उन्होंने कहा कि जब से वे थानाध्यक्ष बने हैं तब से मवेशी चोरी की वारदातें बढ़ गई हैं, लेकिन वे मामला दर्ज नहीं करते हैं।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह
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