आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसवीयू ने की कार्रवाई ।
पटना के राजेंद्र नगर स्थित सुगंध विला अपार्टमेंट में हैं तीन-तीन फ्लैट ।
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने बैंक लॉकर में छुपाकर रखे गए एक किलो वजन के स्वर्णाभूषण भी किए बरामद ।
बिहार की भ्रष्ट नौकरशाही में भी नए गुलाबी नोटों का तिलिस्म सिर चढ़कर बोल रहा है।विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने वाणिज्यकर विभाग के उपायुक्त बरुण कुमार सिकदर के पटना व बिहार शरीफ स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की काली कमाई का पर्दाफाश किया है।बरुण कुमार सिकदर फिलहाल नालंदा में पदस्थापित हैं।विशेष निगरानी इकाई के पुलिस महानिरीक्षक रत्न संजय ने बताया कि छापेमारी में सिकदर के ठिकानों से एक लाख, 22 हजार रुपये नए नोटों में नकदी,करीब एक किलो सोने के गहने,बीस से भी अधिक बैंक खाते तथा पटना के राजेंद्र नगर,रोड नंबर-12 स्थित सुगंध विला अपार्टमेंट में तीन फ्लैट के कागजात का पता चला है।बैंक खातों की आरंभिक जांच में ही उसमें 40 लाख की नकदी जमा होने की पुष्टि हो चुकी है।सिकदर नालंदा में पदस्थापित होने से पहले पटना सिटी और मुजफ्फरपुर में भी बतौर सहायक वाणिज्यकर आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं।उन्होंने वर्ष 1993 में बिहार वाणिज्यकर सेवा में अपनी नौकरी शुरू की थी।सिकदर ने अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए अपनी गृहिणी मां और पत्नी के नाम पर भी पैन कार्ड जारी करा रखा था।सिकदर ने अपनी काली कमाई में अपनी पत्नी द्वारा संचालित बुटिक का जिक्र किया है।इन फ्लैटों की खरीद में दोनों के पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया है।एसवीयू की टीम ने छापेमारी में एक बैंक लॉकर का भी पता लगाया।यह बैंक लॉकर इलाहाबाद बैंक की राजेंद्र नगर शाखा का है।लॉकर की तलाशी में करीब एक किलो वजन के स्वर्णाभूषण बरामद किए गए हैं,जिसका बाजार मूल्य 28 लाख से भी अधिक बताया जा रहा है।साथ ही मौके से बैंक में जमा कराई गई नकद राशि की कुछ रसीदें भी मिली हैं।इससे पता चलता है कि नोटबंदी के बाद सिकदर ने बडे पैमाने पर पांच सौ और हजार के पुराने नोटों को अपने बैंक खातों में जमा कराए हैं।सभी बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है।