किशनगंज : जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शुरू हुआ निःशुल्क कैंसर रोग पर आवश्यक चिकित्सा परामर्श।
कैंसर पीड़ित मरीजों को समुचित इलाज के लिए भेजा जाएगा बेहतर स्वास्थ्य संस्थान।
- फाइबर वाले भोजन और नियमित व्यायाम का रखें ध्यान:
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, अगर समय से जांच की जाए तो आसानी से कैंसर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। कैंसर जैसे भयानक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष के तरह इस वर्ष भी 7 नवम्बर सोमवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया। जिसमे कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में लोगो का मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण की जांच की गयी। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया तीनों कैंसर का इलाज समय से शुरू होने पर राज्य में 70 प्रतिशत कैंसर मामलों को कम किया जा सकता है। वहीं उन्होंने बताया कि भोजन को शरीर में अवशोषित करने की प्रक्रिया में पाचनतंत्र का बड़ा योगदान है। यदि किन्हीं कारणों से पाचनतंत्र प्रभावित होता है तो भोजन का अवशोषण नहीं हो पाता। भोजन का अवशोषण नहीं होने से पेट की समस्या होने लगती है। इसका कारण सही खानपान नहीं होना है जो पाचनतंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में व्यक्ति नियमित तौर पर दस्त या कब्जियत की समस्या से जूझने लगता है। इन समस्याओं के साथ पेट में ऐंठन व दर्द रहता है। बाद में यह कोलोरेक्टल कैंसर यानि बड़ी आंत के कैंसर का रूप ले लेता है। कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है।जानलेवा बीमारी कैंसर से बचाव के लिए लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलानी जरूरी है। गैर संचारी रोग की श्रेणी में आने वाली यह बीमारी हृदय रोग से होने वाली मृत्यु के बाद दूसरा सबसे बड़ा कारण है, जिससे लोगों की मृत्यु होती है। कैंसर से होने वाली मृत्यु में सबसे बड़ा योगदान तम्बाकु (धुआँ या धुआँ रहित) के उपयोग से होने वाली कैंसर का है, जिसे जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है। वही जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर 7 से 14 नवम्बर तक निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह का अयोजन किया जा रहा है। पुरुषों में अधिकांश मुँह कैंसर होता है। जिसका मुख्य कारण है पान, गुटखा, खैनी, सिगरेट समेत अन्य नशीले पदार्थों का अति उपयोग करना। इसलिए, कैंसर से बचाव के लिए ध्रूमपान से परहेज करें और चिकित्सा परामर्श का पालन करें। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.देवेन्द्र कुमार ने बताया, जाँच के दौरान जिस व्यक्ति में कैंसर के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें समुचित इलाज के लिए बेहतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे व्यक्ति को पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पीएमसीएच, एम्स समेत अन्य बेहतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों का चयन किया गया है। जहाँ ऐसे मरीजों को समुचित इलाज के लिए भेजा जाएगा। एनसीडीओ डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए वसा वाले भोजन से दूरी बनायें और बहुत अधिक प्रोसेस्ड मीट का सेवन नहीं करें। आहार में फाइबर वाली सब्जियां व फल लें। मोटापा से बचाव, सही वजन के लिए नियमित व्यायाम आदि का ध्यान रखें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम जरूर करें। कैल्सियम तथा विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ लें। इसके अलावा मधुमेह, मोटापा, शारीरिक, कम फाइबर आहार लेना, एक बड़ा जोखिम होता है।रेशे वाले फल सब्जियों में फाइबर होता है। फाइबरयुक्त चीजों में चोकर सहित गेहूं के आटे, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब, पपीता, अंगूर, खीरा, टमाटर, प्याज, छिलके वाली दाल, सलाद, ईसबगोल की भूसी, दलिया, सूजी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसे अपने आहार का हिस्सा जरूर बनायें। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं।इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।