पटना : राहुल गाँधी जी बिना सोचे समझे बयानबाजी बंद करें..

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, मुझे इस बात की हैरानी होती है कि कांग्रेस सुप्रीमों राहुल गांधी जी जो भी बयान देते हैं, कभी उसको पढ़कर देख भी लेते हैं या नहीं ? सोचते तो नहीं ही होगें, ऐसी बेतुकी बयानबाजी के पहले।लेकिन, कम से कम उसे एक बार पढ़कर देख तो लेना ही चाहिए कि उनके गैर-जिम्मेदार सहायक ने क्या लिखकर बोलने के लिए दे दिया है।वे जो बोलने जा रहे हैं उनकी कितनी खिल्ली उड़ेगी ? कल उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी पर तीखा प्रहार किया कि “सुशासन बाबू” का सब “सुशासन” फेल हो गया।कोरोना बिहार में बुरी तरह बढ़ गया।पहले कोरोना बिहार में तो कम था, फिर तेजी से बढ़ा।अरे भाई, यह बात तो आप बिलकुल सही कह रहे है।पहले बिहार में कोरोना तो बिलकुल नहीं था। कोरोना तो बिहार में आया मुंबई से, अमृतसर से, लुधियाना से, जालंधर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर से जहां आपका ही शासन है। हमारे बिहार के कर्मवीर लाखों प्रवासी मजदूरों को वहां से आना पड़ा।हम यह गैर-जिम्मेदाराना आरोप तो नहीं लगा रहे हैं कि आपने ही षड्यंत्रपूर्वक उनको बिहार वापस भेज दिया।लेकिन, यह बात तो जरूर है कि आपकी कांग्रेसी सरकारों ने यदि लापरवाही न की होती और हमारे कर्मवीरों की सही देखभाल की होती तो आज या भविष्य में महाराष्ट्र और पंजाब में जो मजदूरों की जो भी किल्लत होगी और उसका जो खामियाजा होगा उसे भुगतने से वे बच तो जरूर सकते थे।अब आंकड़ों पर आयें।कोरोना का नियंत्रण किस राज्य में कैसा हो रहा है यह जानना है तो राज्य की कुल आबादी में प्रतिलाख व्यक्ति मृत्यु दर क्या है यह पैमाना मानना चाहिये।महाराष्ट्र में कोरोना के कारण मृत्यु दर प्रति लाख आबादी पर 10 व्यक्ति का है, जबकि पंजाब में 0.94 व्यक्ति प्रति लाख और राजस्थान में 0.84 व्यक्ति प्रति लाख है और बिहार में मात्र 0.29 प्रति लाख है।यह आकड़ा साबित करता है कि बिहार में कोरोना नियंत्रण कैसा है।