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काला धन पर गठित एसआइटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने भी इस सिलसिले में सरकार को सुझाव दिया है।
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इन दोनों ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी का कोई असर नहीं होगा।
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पत्र में हालांकि नकदी रखने की अधिकतम सीमा स्पष्ट नहीं की गई है,लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपये तय की जा सकती है।
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एसआइटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में 15 लाख से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त से अनुमति की सिफारिश की थी ।
एसआइटी ने यह भी कहा था कि कोई खाते से तीन लाख रुपये से अधिक निकालता है,तो इसकी सूचना वित्तीय खुफिया इकाई और आयकर विभाग को दी जानी चाहिए।नोटबंदी के बाद कालेधन पर दनादन छापेमारी में बरामद हो रही भारी भरकम नकदी को देखते हुए सरकार आनेवाले दिनों में इसे रखने की सीमा तय कर सकती है।ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि कैश में नहीं रख पाएगा।बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय इस संबंध में कई विकल्पों पर विचार कर रहा है और इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है।सूत्रों ने कहा कि विगत में इस संबंध में कई सुझाव आए हैं।लेकिन नोटबंदी के बाद जिस तरह बड़ी संख्या में नकदी पकड़ी जा रही है,उसे देखते हुए इसे रखने की सीमा तय करने की जरूरत महसूस की जा रही है।सूत्रों ने कहा कि नकदी की सीमा तय करने के लिए आयकर कानून 1961 में जरूरी संशोधन किए जा सकते हैं।इस दिशा में कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई है।आठ नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद से 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं।इसमें 80 करोड़ रुपये नई करेंसी में है।कालाधन पर गठित एसआइटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने भी इस सिलसिले में सरकार को सुझाव दिया है।इन दोनों ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोटबंदी का कोई असर नहीं होगा।पत्र में हालांकि नकदी रखने की अधिकतम सीमा स्पष्ट नहीं की गई है,लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपये तय की जा सकती है।एसआइटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में 15 लाख से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त से अनुमति की सिफारिश की थी।एसआइटी ने यह भी कहा था कि कोई खाते से तीन लाख रुपये से अधिक निकालता है,तो इसकी सूचना वित्तीय खुफिया इकाई और आयकर विभाग को दी जानी चाहिए।सूत्रों ने कहा कि नकदी की सीमा तय करने के लिए आयकर कानून 1961 में जरूरी संशोधन किए जा सकते हैं। इस दिशा में कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई है। आठ नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद से 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। इसमें 80 करोड़ रुपये नई करेंसी में है।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह
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