तीन पिकअप वैन सहित एक कंटेनर में ले जा रहे 57 मवेशियों को किशनगंज पुलिस ने किया जब्त…

किशनगंज पुलिस ने एनएच 31 पर सोमवार की देर रात छापेमारी कर तीन पिकअप वैन सहित एक कंटेनर में ले जा रहे 57 मवेशियों को जब्त किया है।पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के निर्देश पर एसडीपीओ ने कार्रवाई की।पुलिस ने मौके से चालक व खलासी सहित आठ तस्करों को गिरफ्तार किया।इसके बाद पुलिस ने जदयू के बुनकर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अनवर आलम एवं उसके चालक को भी हिरासत में लिया।जिसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।जब्त कंटेनर एनएल 01 एल 3157, पिकअप बीआर 11 जीबी 3670, डब्ल्यू बी 73 सी 1699 एवं एक बिना नम्बर की पिकअप शामिल है।बताया गया कि दो पिकअप में पूर्णिया के अमौर,बनमनखी एवं एक कंटेनर में सुपौल से लाए गए मवेशी को आसाम ले जाने की तैयारी थी।वहां से इन्हें बांग्लादेश भेजा जाना था।पूछताछ में गिरफ्तार 8 तस्करों ने कई राज उगले है।तस्करों ने पुलिस के सामने बिहार व बंगाल के कई सफेदपोश का नाम गिनाया है।जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पशु लदे गाड़ी को बिहार व बंगाल की सीमा पार करवाते है।इसके बदले पार कराने वाले सफेदपोश को प्रति गाड़ी पांच हजार से दस हजार रुपए तक की राशि दी जाती है।
जदयू के बुनकर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अनवर आलम व उनके चालक को पूछताछ के बाद छोड़ा
बांग्लादेश तक जुड़े हैं तस्करों के तार
पशु तस्करों के तार बांग्लादेश तक जुड़े हुए है।पशु तस्करों का अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग कोड होता है।जिसके सहारे गाड़ी आते ही कोड बोलने के बाद तस्कर आगे-आगे दूसरी गाड़ी से पशुओं वाले गाड़ी का स्कार्ट करते है।खतरा भांपते ही गाड़ी को रूकने या फिर तेज गति से सीमा पार कर जाने का निर्देश देते हैं। जिले के बाहर पूर्णिया के बायसी, आमौर, बंगाल के पांजीपाड़ा,कटिहार के बलरामपुर,भागलपुर के नवगछिया में पशुओं को डम्प किया जाता है।फिर इन पशुओं को गाड़ियों में भरकर लाइनर से संपर्क साधा जाता है।बात तय होते ही गाड़ी को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है।
जब्त भैंस को गौशाला प्रबंधक ने रखने से किया इंकार
पुलिस द्वारा जब्त 57 भैंस को गौशाला प्रबंधन ने रखने से इंकार कर दिया है।गौशाला प्रबंधन ने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश प्राप्त है कि गौशाला में सिर्फ गौवंश को ही रखें।पिछले वर्ष भी गौशाला में जब्त पशु रखा गया था।जिसके लिए कोई फंड अलग से नहीं मिला।अब जब्त पशु पुलिस का सरदर्द बन गया है।पकड़े गए सभी तस्करों से पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर रही है।पूछताछ में कई सफेदपोश चेहरे का नाम सामने आया है।पुलिस एहतियात बरतते हुए नामों का खुलासा अब तक नहीं की है।तस्करों के नाम भी नहीं बताए गए हैं।फिलहाल पुलिस तस्करों से पूछताछ कर पूरे रैकेट का पता करने की कोशिश कर रही है।
यह है नियम-बिहार के पशुधन को अन्य राज्यों में नहीं भेजा जा सकता है
राज्य सरकार ने बिहार पशुधन को राज्य से बाहर नहीं भेजने का नियम है।इस नियम के तहत जिले के डीएम व एसपी को दायित्व दिया गया है कि पशु की तस्करी किसी भी परिस्थिति में नहीं हो।इसके लिए अलग से टीम बनाकर इस पर नजर रखने का निर्देश है।जिले की तीन किलोमीटर एनएच 31 पर दो दर्जन से अधिक पशु तस्कर सक्रिय है।सक्रिय तस्करों में सरवर,जाबिर,फरमान परवेज,इरशद,इसलम (सभी बदले हुए नाम) जैसे लोगों को पुलिस ने कई बार पकडा भी है।पांजीपाड़ा का मुस्तफा (बदले हुए नाम) के कभी शागिर्द रहे इन लोगों ने अब अपना अलग गिरोह बना लिया है।सूत्र बताते हैं कि धंधे में दो पार्षद प्रतिनिधि और एक पूर्व पार्षद भी शामिल है।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह