टेरी पोखराहां में सप्तदिवसिए श्रीश्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ हुआ संपन्न…

औरंंगाबाद बारूण प्रखंड के काजीचक पंचायत स्थित टेरी पोखराहां में मां शारदे पूजा कमिटी के द्वारा आज सात दिनों से चल रहा श्री श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ संपन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन कर रहे अरूण सिंह ने बताया कि अयोध्या से आए संतों के द्वारा रात्रि में रामायण की प्रसंग सुनाई गई।जिसमें आचार्या कुसुम लता प्रधान कथावाचक थी, जिनके मधुर वाणियों से श्रोता काफी प्रभावित हुए।आचार्या कुसुम ने बताई कि श्री रामचंद्र जी की सभी चेष्टाएं धर्म, ज्ञान, नीति, शिक्षा, गुण, प्रभाव, तत्व एवं रहस्य से भरी हुई हैं।उनका व्यवहार देवता, ऋषि, मुनि, मनुष्य, पक्षी, पशु आदि सभी के साथ ही प्रशंसनीय, अलौकिक और अतुलनीय है।देवता, ऋषि, मुनि और मनुष्यों की तो बात ही क्या-जाम्बवान, सुग्रीव, हनुमान आदि रीछ-वानर, जटायु आदि पक्षी तथा विभीषण आदि राक्षसों के साथ भी उनका ऐसा दयापूर्ण प्रेमयुक्त और त्यागमय व्यवहार हुआ है कि उसे स्मरण करने से ही रोमांच हो आता है।भगवान श्री राम की कोई भी चेष्टा ऐसी नहीं जो कल्याणकारी न हो।कथा जीवन को सुन्दर बना देती है।साथ ही रामलीला के आयोजन भी किया गया।इस दौरान टेरी पोखराहां विहंगम योग संत समाज के तरफ से शिक्षक आजित कुमार के द्वारा आचार्या कुसुम लता को आध्यात्म जगत का सर्वश्रेष्ठ सदग्रंथ स्वर्वेद भेंट कर समानित किया गया।इस अवसर पर कृष्णा प्रसाद सिंह, भोला सिंह,संतोष सिंह,सत्येन्द्र सिंह,सुरेश सिंह,सिद्धानाथ सिंह, रंजन कुमार, रामाश्रय सिंह, रामाशिष सिंह, राजेश के साथ अन्य लोग शामिल रहे।
रिपोर्ट-मयंक कुमार