आज से होंगी “द्वितीय श्रावणशुक्लपक्ष (शुद्ध )” की शुरुआत,महादेव की पूजा से होंगी सभी मनोकामना पूर्ण,19 अगस्त शनिवार को संपन्न होंगी मिथिलांचल का विशिष्ट पर्व “मधुश्रावणी” :- ज्योतिषाचार्य प.तरुण झा

रत्ना मिश्रा-ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान”के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी के अनुसार,17 अगस्त गुरुवार से पुनः द्वितीय “श्रावणशुक्लपक्ष”(शुद्ध )आरंभ होगा, जो 31 अगस्त तक रहेगा।
“शिवपुराण” में बताया गया है कि श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से हर प्रकार के शुभ फलों की प्राप्ति होती है, श्रावण मास में दीर्घायु की प्राप्ति के लिए सभी प्रकार के सुख हेतु,सभी व्याधियों को दूर करने हेतु लिए विशेष पूजा की जाती है, मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण मास में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
वही अखंड सौभाग्य एवं पति के दीघार्यु होने की कामना को लेकर मनाया जाने वाला मिथिलांचल का विशिष्ट पर्व मधुश्रावणी अब समापन की ओर है, 19 अगस्त शनिवार को टेमी दागने की रस्म एवं अंतिम पूजा के साथ ही इस पर्व का भी समापन हो जाएगा।