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क्या अपना फर्ज निभाना है कसूर…?
जो पुलिस हमारी सुरक्षा करती है,जो पुलिस दिन रात एक कर आम लोगो का रक्षा करते पूजा, पर्व, त्वहार पर अपना खुशी त्याग दुसरे का ख़ुशी के लिए तैनात रहता है, जो पुलिस आम लोग का विश्वास है उसपर हमला करना कहा तक जायज है ? क्या इंसानियत नाम की चीज है भी या नहीं ? क्या पुलिस अपना कार्य करना छोड़ दे और गुंडाराज आने दे ? आपको बताते चले की एक ऐसे ही मामला प्रकाश में आया है…नरतगंज थानाक्षेत्र की नाथपुर पंचायत के कारगिल गांव में मंगलवार (दिनांक-20-0-2017) की देर रात छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर जमकर पीटा। नतीजतन फारबिसगंज के थानाध्यक्ष मुकेश कुमार साहा, नरपतगंज में पदस्थापित एसआइ प्रमोद कुमार, चौकीदार अनंत कुमार और शंभु पासवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए जबकि नरपतगंज थानाध्यक्ष अमित कुमार, जवान देवेश कुमार, सुबोध कुमार एवं विनोद कुमार यादव भी चोटिल हो गए। इसकी सूचना मिलने पर फारबिसगंज के डीएसपी अजित कुमार सिंह के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। आरोपी इलियास नामक युवक को छोड़ने के बाद ही ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को मुक्त किया। जानकारी के अनुसार नरपतगंज और फारबिसगंज की पुलिस टीम चोरी हुई मोटरसाइकिल तथा ट्रैक्टर डाला की तलाश में छापेमारी कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस को सुराग मिला कि फारबिसगंज थाना क्षेत्र के घोड़ाघाट से छीनी गई बाइक नाथपुर के वार्ड संख्या 11 कारगिल निवासी इलियास के पास है। पुलिस ने दबिश देकर बाइक सहित इलियास को दबोच लिया।इसके बाद पुलिस टीम लौट रही थी। तभी किसी ने यह अफवाह फैला दी कि गांव में डकैत आ गए हैं। इस पर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई और थानाध्क्ष मुकेश कुमार साहा तथा एसआइ प्रमोद कुमार से इलियास को छोड़ने की बात को ले हाथापाई करने लगी। यह देख मामूली रूप से चोटिल चार पुलिसकर्मी वहां से भाग निकले।ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष, एसआइ और दो चौकीदारों को मारपीट कर बंधक बना लिया।इस दौरान किसी ने उनके मोबाइल फोन, पर्स निकाल लिए तथा सर्विस रिवाल्वर भी छीनने का प्रयास किया, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली।कही पुलिस के खिलाफ भू-माफियायो का षड्यंत्र तो नहीं….? बताते चले की मधुबनी पंचायत के मधुबनी पासवान टोली गांव में सोमवार




