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किशनगंज बाल मंदिर : शिक्षक संजय साहा व अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज…

किशनगंज बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल की 11वीं की छात्रा हर्षिता कुमारी द्वारा खुदकशी मामले में टाउन थाना में केस दर्ज कर किया गया है।घटना के चौथे दिन मृतका के पिता धरमगंज निवासी पिता आशीष गुप्ता ने शिक्षक संजय साहा व बाल मंदिर स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध हर्षिता को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।जिसपर टाउन थाना में शुक्रवार को आइपीसी की धारा 306 के तहत कांड संख्या 217/19 दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।थाना में आशीष गुप्ता द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत के अनुसार 29 अप्रैल की शाम हर्षिता दहीपट्टी निवासी शिक्षक सह उपप्राचार्य संजय साहा के घर ट्यूशन फीस जमा करने गई थी।देर रात तक घर वापस नहीं लौटने पर जब हर्षिता की तलाश में शिक्षक संजय साहा के घर पहुंचे तो शिक्षक द्वारा हर्षिता के वापस घर चले जाने की बात कही गई।उन्होंने 600 रुपये फीस मिलने व हर्षिता को परीक्षा में पास कराने के लिए नौ हजार रुपये की मांग की।देर रात तक छात्रा के घर वापस नहीं पहुंचने पर परिजनों ने टाउन थाना को हर्षिता के गुमशुदगी की सूचना दी।इस बीच मध्य रात्रि 2.30 बजे जब परिजनों ने हर्षिता के मोबाइल पर फोन किया तक एक अंजान व्यक्ति ने बताया कि सूर्यकमल स्टेशन के निकट हर्षिता की मौत ट्रेन से कट कर हो गई की जानकारी दी।घटना के बाद जब हर्षिता के कॉपियों की जांच की तो पता चला कि उक्त कॉपी को दो शिक्षकों के द्वारा जांचा गया है।जिसमें एक शिक्षक ने 90 अंकों में से 39 अंक दिए जबकि दूसरे ने मात्र 9.5 नंबर दिए।अंकों का यह विरोधाभाष स्कूल प्रशासन की नीयत पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।इकॉनोमिक्स विषय की कॉपी जांच की गई तो पाया गया कि हर्षिता को 10.5 नंबर मिले हैं।लेकिन उस कॉपी की पुन: जांच नहीं की गई थी।इससे प्रतीत होता है कि शिक्षक संजय साहा के द्वारा 9 हजार रुपये इकॉनोमिक्स विषय में पास कराने के लिए मांगा जा रहा था।लेकिन घर की माली हालत से भलीभांती परिचित हर्षिता मानसिक रुप से परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। उन्होंने कहा कि कॉपियों की मूल्यांकन में इतनी बड़ी हेर फेर होने के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन के द्वारा अबतक जांच कमेटी का गठन नहीं किया गया है।जिससे प्रतीत होता है कि स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत से गोरखधंधा विगत कई वर्षों से चल रहा है और बच्चों को पास कराने के लिए मोटी रकम लेकर कमेटी के सभी सदस्यों को पहुंचाया जाता है।परिजनों का यह भी कहना है कि कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत को लेकर डीएम द्वारा विद्यालय के सचिव गोविद बिहानी को पदमुक्त कर दिया गया था।

रिपोर्ट-धर्मेंद्र सिंह

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