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किशनगंज : जिले के ठाकुरगंज प्रखण्ड के कौशल विकास भवन 150 आशा दीदी को सुरक्षित गर्भपात पर दिया गया प्रशिक्षण।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने तथा जन समुदाय में जागरूकता लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमतावर्धन किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के ठाकुरगंज प्रखण्ड के कौशल विकास भवन 150 आशा दीदी की बैठक में सुरक्षित गर्भपात की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण सांझा प्रयास नेटवर्क द्वारा सुरक्षित गर्भसमापन कार्यक्रम के तहत बताया गया की विशेष श्रेणी की महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाए जाने के कानून संसोधन के बारे में आजाद इडिण्या फाउण्डेशन के रिसर्च एंड ट्रेनिंग आफिसर हिना कौशर ने विशेष बैठक के दौरान जानकारी प्रदान की। जानकारी दी कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण तथा सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं के मृत्यु दर में कमी नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया, लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। इसलिए एमटीपी एक्ट में संशोधन किया गया। जिससे 20 सप्ताह के बदले अब 24 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है। प्रशिक्षण दे रहे रिसर्च एंड ट्रेनिंग आफिसर हिना कौशर ने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। रिसर्च एंड ट्रेनिंग आफिसर हिना कौशर ने बताया की 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। है उन्होंने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओ को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एम टी पि के लिए एक आरएम् पि और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएम् पि की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। इस मौके पर ठाकुरगंज प्रखंड के प्रखंड स्वस्थ प्रबंधक बसंत कुमार, प्रखंड सामुदायिक समन्वयक कौशल कुमार आदि लोग उपस्थित थे।

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