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किशनगंज पुलिस कप्तान कुमार आशिष को मिलेगा उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए पुरस्कार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया अधिसूचना।

बिहार केडर के चर्चित आईपीएस व किशनगंज जिला के हर दिल अजीज पुलिस कप्तान कुमार आशिष का नाम नामित।इतनी बड़ी उपलब्धि की अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी होते ही जिले के पुलिसकर्मियों में उत्साह एवम जनता में अपार हर्ष देखा जा रहा है।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार पुलिस के चार पुलिस अधिकारियों को अनुसंधान उत्कृष्टता हेतु गृहमंत्री पदक प्रदान करने की घोषणा की है।देशभर के विभिन्न राज्य पुलिस एवं केंद्रीय अनुसंधान संगठनों के 21 महिला अधिकारियों सहित कुल 121 अधिकारियों को यह पदक दिया जाएगा।इस सूची में बिहार से यह गौरव प्राप्त करने वाले किशनगंज पुलिस कप्तान कुमार आशीष एक मात्र आइपीएस अधिकारी हैं।श्री कुमार आशीष के अलावा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थापित इंस्पेक्टर विनोद कुमार पांडे व संजीव कुमार और बेगूसराय जिले में पुलिस अवर निरीक्षक पद पर तैनात विवेक भारती को गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा पदक प्रदान किया जाएगा।सम्मान समारोह की तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है।गृह मंत्रालय के द्वारा इनके नामों की घोषणा किए जाने के साथ ही किशनगंज सहित पूरे सूबे से आइपीएस अधिकारी कुमार आशीष को बधाई देने वालों का तांता लग गया।गृह मंत्रालय की ओर जारी अधिसूचना के अनुसार इस पदक के लिए देशभर के 121 पुलिस अधिकारियों का चयन किया गया है।पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सीबीआइ के 15, मध्यप्रदेश के 10, महाराष्ट्र के 10, उत्तर प्रदेश के आठ, केरल के 08, बंगाल के 07, राजस्थान के 06, दिल्ली के 06, एनआइए के 05, तमिलनाडु के 06 और शेष अन्य प्रदेशों व केन्द्र शासित प्रदेशों और जांच एजेंसियों से संबंधित पुलिस कर्मी है।पुरस्कृत पुलिस कर्मियों में 21 महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने के लिए किए जाएंगे सम्मानित।

किशनगंज पुलिस कप्तान कुमार आशीष को गृह मंत्री पदक कोढ़ोबाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले के लिए दिया जाएगा।इस मामले में सभी 07 आरोपितों को मात्र 30 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने और 08 महीने के अंदर आजीवन कारावास की सजा दिलाने को लेकर यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।बताते चलें कि कोढ़ोबाड़ी थाना क्षेत्र में 12 फरवरी 2019 को घटित घटना में सात आरोपितों ने पिता को बंधक बनाकर उनके सामने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।मामला संज्ञान में आते ही जिला पुलिस कप्तान कुमार आशिष के निर्देश पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी टीम का गठन किया।टीम के सदस्यों ने मात्र 30 घंटे के भीतर 05 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।जबकि पुलिस की छापेमारी से घबराकर 02 आरोपित ने स्थानीय न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। (जिसे केवल सच हिंदी मासिक पत्रिका के अंक में बड़े प्रमुखता के साथ प्रकाशित भी हुआ था।) स्पीडी ट्रायल के दौरान तीन अक्टूबर 2019 को एडीजे प्रथम सुजीत कुमार सिंह ने सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा के साथ 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।इस मामले के सफल उदभेदन के लिए पुलिस कप्तान कुमार आशीष सहित जिले के 16 पुलिसकर्मियों को सोनपुर में आयोजित बिहार पुलिस पारितोषिक वितरण समारोह में बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री गुप्तेश्वर पांडेय के द्वारा सम्मानित किया गया था।डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सभी पुलिस कर्मियों को नगद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया था।

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