किशनगंज : अवैध पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए डीएम ने छापेमारी टीम को हमेशा तैयार रहने का दिया निर्देश।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में अपर समाहर्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बीएसएफ, एसएसबी के पदाधिकारीगण, जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं सीमावर्ती थानों के एसएचओ के साथ अवैध पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को समाहरणालय सभागार में बैठक आयोजित की गई। डीएम ने बैठक के दौरान निर्देश दिया कि छापेमारी टीम तत्काल प्राप्त सूचना के आधार पर हमेशा कार्यवाही के लिए तैयार रहे। साथ ही सभी उपस्थित पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी सूचना संकलन की दिशा में प्रयास करने का निर्देश दिया गया। गौरतलब हो कि 15 जून की देर रात सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी, एवं अचंल अधिकारी, के साथ जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में पशुओं से लदे दो बड़े वाहनों को सघन छापेमारी के दौरान रामपुर चेकपोस्ट पर जप्त किया गया था। दोनों वाहन में 72 मवेशियों को क्रूरता पूर्वक तस्करी कर ले जाया जा रहा था। उसी दौरान बिहार-बंगाल सीमा पर सीओ समीर कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने दबोच लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जून को मेनका गांधी ने डीएम और एसपी से किशनगंज के रास्ते मवेशी तस्करी होने की शिकायत की थी। इसके बाद डीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। डीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए किशनगंज अंचल अधिकारी समीर कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन कर जांच में लगाया था। इसी दौरान देर रात रामपुर चेकपोस्ट के समीप जांच अभियान शुरू किया गया। जांच के दौरान देर रात बंगाल से किशनगंज की ओर आ रहे दो मवेशी वाहनों को दबोच कर चालक से मवेशियों के कागजात की मांग किया लेकिन चालक के पास कोई भी वैध कागजात नहीं था। इसके बाद सीओ ने दोनों वाहनों को जब्त कर प्रखंड कार्यालय में लगा दिया। हालांकि दोनों वाहनों में भैंस के बच्चे लोड है जबकि एक बड़े कंटेनर में 48 और दूसरे ट्रक में 24 मवेशी लदे थे। सभी मवेशियों को उतारकर पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। पूछताछ में चालक ने बताया मवेशियों को दालकोला व बिहार से किशनगंज के रास्ते सेल्टर हाउस ले जा रहा था। लेकिन मवेशी किसका है इसका जानकारी चालक ने नहीं दे पाया। वहीं चालक ने बताया मवेशियों को किशनगंज पार करने के लिए एंट्री फीस जमा किए थे और उन्होंने फौजी नाम का कोड बताया था और कहा कोई भी गाड़ी नहीं पकड़ेगा। कोई गाड़ी पकड़ता है तो कोड फौजी बताने पर छोड़ देगें। लेकिन मवेशी लदे वाहनों को ना तो पुलिस पकड़ा और ना ही परिवहन विभाग पकड़ा, जिस कारण इंट्री माफियाओं का दबदबा नहीं चल पाया और दोनों गाड़ियों को जब्त कर अंचल अधिकारी ने सदर थाना में लिखित आवेदन देकर अग्रिम कार्रवाई के लिए दिया है। इस बार मेनका गांधी की नजर किशनगंज में पड़ा और खुद जिला प्रशासन से कार्रवाई का मांग किया है। इस कार्रवाई के बाद मवेशी तस्करों में हड़कंप मचा है। जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने शनिवार को उक्त अधिकारियों संग बैठक कर छापेमारी टीम तत्काल प्राप्त सूचना के आधार पर हमेशा कार्यवाही के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।