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एस.जी.जी.एस. में चरित्र निर्माण पर विशेष फोकस:-विकास

वैशाली: ज्ञान,कर्म तपस्या,बलिदान एवं लोकतंत्र की जननी वैशाली की धरती हमेशा से संघर्ष करती आ रही है।आज के परिवेश में यह क्षेत्र राजनैतिक,आर्थिक दृष्टिकोण से तो जरूर मजबूत हुआ लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में उतनी सफलता हासिल नहीं कर सका,जितना राजधानी से सटे होने का फायदा मिलना चाहिए था। आज केंद्र एवं राज्य सरकारें “बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ” का नारा जरूर दे रही है लेकिन इस सच को पूरा करने में निजी संस्थान महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है,उसमे एक शामिल है वैशाली के जिला मुख्यालय से सटे एक निजी स्कूल संस्थान की,जो गार्जियन के साथ-साथ बच्चीयों को भी अपनी सुदृढ व्यवस्था एवं बेहतर शिक्षा के बदौलत अपनी ओर आकर्षित कर रहा हैं वह है संत जॉर्जिया गर्ल्स स्कूल एवं उनसे ज्यादा मैनेजिंग डायरेक्टर विकास सिंह की सोच।बातचीत के क्रम में विकास सिंह ने बताया कि तिरहुत जोन में सिर्फ गर्ल्स की शिक्षा की व्यवस्था के लिए कोई बेहतर स्कूल नहीं था,यही कारण से मैंने हाजीपुर में अपनी स्कूल खोली।मैं इसके पहले यूके में रीजनल मैनेजर के पोस्ट पर डोमिनेज में काम करते थे लेकिन शुरू से ही समाज के बीच रहकर काम करने की जिज्ञासा शुरू से रही है,इसलिए वहां अपनी करोड़ो की पैकेज छोड़कर फाइनली इंडिया आया और आने के बाद अपने परिजन से सलाह लेकर स्कूल खोलने का फैसला लिया।इसमें जो आपको रिस्पेक्ट मिलता है वह कहीं और नहीं है।हमारे स्कूल में अन्य स्कूलों की अपेक्षा बेहतर सुविधाएं है जो पूरे तिरहुत जोन में नहीं है।हम अपनी छात्राओं के विशेष सुविधा का ख्याल में रखते हुए उन्हें केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण पर भी फोकस दिया है ताकि वह विकट परिस्थितियों में भी चट्टान की तरह मजबूत दिखे।हॉर्स राइडिंग,बैंडमिंटन,वॉलीवाल,योग डांस,शूटिंग सहित अन्य खेलों में भी अपने बच्चे को अव्वल बनाते है,जिसके लिए इसमें पारंगत गाइडर भी है।आपको बताते चले कि पटना एवं हाजीपुर में मात्र एक पूल का अंतर है लेकिन शिक्षा में विशेष अंतर देखने को मिलने लगा।यहाँ छात्राओं के लिए न स्पेशल स्कूल थी न स्पेशल व्यवस्था जिससे अभिभावक को अपने बेटी को पटना या अन्य बड़े शहरों में भेजना पड़ता था।लेकिन हाजीपुर में संत जॉर्जिया गर्ल्स स्कूल खुल जाने से उनमें काफी खुशी है एक तो बगल में बेहतर शिक्षा दूसरा कुछ बचत,चुकी यह इलाका ग्रामीण एवं शहरी परिवेश के मिश्रण है। इस स्कूल की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि यहाँ टीचर से लेकर,पिऊन तक सारे फीमेल कैंडिडेट को ही रखा गया है साथ ही साथ छात्राओं के लिए सुरक्षित छात्रावास की भी व्यवस्था है।अपने पहले ही साल में स्कूल में लगभग 500 छात्राओं ने नामांकन लिया एवं हर साल कार्तिक पूर्णिमा से नामांकन शुरु हो जाता है।एमडी ने कहा कि हमारी बेटियां अब पढ़ेगी भी बढ़ेगी भी,इसके लिए समाज मे अब सभी लोग जागरूक होने लगे है।बस जरूरत है बेहतर व्यवस्था की जिसे ध्येय में रखकर सर्व गुण सम्पन्न बनाने के लिए हमलोग प्रयासरत है।

रिपोर्ट-श्रीधर पांडे

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