मामला जिले के रफीगंज प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इन्द्रार से जुड़ा है।पीएचसी में पदस्थापित डॉक्टर तालकेश्वर सिंह कार्यक्रम में शामिल होने नशे में धुत्त हो कर पहुंचे,इस दौरान किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दी जिसके बाद पौथु पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार किया।पुलिस जब तक छापेमारी करती तब तक डॉक्टर साहब झंडा फहरा चुके थे।झंडोतोलन के बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया और मेडिकल जांच के लिये पुलिस उन्हें रफीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई।जांच के दौरान भी इस बात की पुष्टि हुई कि डॉक्टर नशे में था।पुलिस के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों ने इस बात की पुष्टि की है डॉ तालकेश्वर सिंह हमेशा शराब के नशे में आते हैं।
पूरे देश में भ्रष्टचारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।अब नये मामले में बिहार के एक और भ्रष्ट अधिकारी की संपत्ति जब्त होगी।इस कार्यपालक अभियंता का नाम श्रीकांत प्रसाद है।श्रीकांत औरंगाबाद में बतौर कार्यपालक अभियंता तैनात थे।2009 में उन्हें घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ गया था।कार्यपालक अभियंता के पास 52 लाख रूपये कीमत की अवैध संपत्ति मिली थी।निगरानी कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल को संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।गौरतलब है कि इससे पहले भी बिहार के कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।बिहार स्पेशल कोर्ट एक्ट 2009 के तहत पहली बार आईएएस अधिकारी एस एस वर्मा की संपत्ति जब्त की गई थी और उनके घर में स्कूल खोला गया था।