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मिथिलांचल और अंग को मिला प्रतिनिधित्व, केंद्रीय मंत्रिमंडल में शाहाबाद से तीन मंत्री…
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार का कद बढ़ा है।एक की जगह जहां दो नए मंत्री बिहार को मिले,वहीं एक पुराने मंत्री का कद भी बढ़ा।आरके सिंह व अश्विनी चौबे को मंत्रिमंडल में शामिल करने से शाहाबाद और मिथिलांचल के साथ अंग का भी प्रतिनिधित्व हो गया।सिंह सुपौल के रहने वाले हैं,जबकि आरा के सांसद हैं।वहीं चौबे भागलपुर के रहने वाले हैं और बक्सर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।पहली बार शाहाबाद से तीन-तीन मंत्रियों को जगह दी गई है।उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से सांसद हैं।अहम यह रहा कि ऊर्जा जैसे बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी बिहार को मिली।देश के गृह सचिव रहे

आरके सिंह को ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार मिला। सिंह बिहार में पथ निर्माण सचिव के रूप में बेहतर काम कर चुके हैं।गृह सचिव के रूप में भी उनकी शानदार छवि बनी।बिहार इस समय पावर सेक्टर में देश के समक्ष मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है।ऐसे में सिंह के ऊर्जा मंत्री बनने से बिहार को काफी लाभ मिलने वाला है।केंद्र में प्रो.सिद्धेश्वर प्रसाद के बाद सिंह दूसरे ऊर्जा मंत्री हैं,जो बिहार से हैं।स्वतंत्र प्रभार के रूप में पहली बार बिहार को यह सम्मान मिला है।इस समय केंद्र के पास बिहार की कई परियोजनाएं लंबित हैं।यही नहीं बिजलीघरों के निर्माण,केंद्रीय कोटा के अनुरूप बिजली की आपूर्ति,कोल लिंकेज,सौर प्लांट का निर्माण,ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का निर्माण जैसे कई मुद्दों पर बिहार को केंद्र की मदद की दरकार है।यही नहीं केंद्र के पास बिहार का राष्ट्रीय सम विकास योजना में भारी भरकम राशि करीब पांच हजार करोड़ बकाया भी है।भूटान-नेपाल से देश को बिजली मिलनी है और इसमें बिहार की

हिस्सेदारी तय है।आरके सिंह के कमान संभालने पर ये मांगें पूरी होंगी।गिरिराज सिंह के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं चलती रही।कहा जा रहा था कि उनकी छुट्टी तय है,लेकिन केंद्र में तो उनका प्रमोशन ही हो गया। उन्हें लघु-मध्यम उद्योग मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी मिली है।वे बिना किसी अवरोध के काम कर सकेंगे।स्वास्थ्य महकमा भी बिहार के लिए काफी महत्व रखता है।पहली बार केंद्र में मंत्री बने बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे से बिहार को बड़ी उम्मीदें हैं।उनके स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनने से

बिहार को केंद्र से इस सेक्टर में निश्चित रूप से काफी सहयोग मिलेगा।बिहार में एक एम्स का निर्माण होना है और इसे लेकर केंद्र और राज्य के बीच गतिरोध चल रहा है।चौबे भागलपुर में एम्स की मांग पहले से करते रहे हैं।चौबे के आने के बाद इसमें तेजी आएगी और बिहार को लाभ होगा।चौबे बिहार में एनडीए की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और इस प्रक्षेत्र का उन्हें अच्छा अनुभव है।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर