बिहार में आर्म्स लाइसेंस दिलाने वाले बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है।इस रैकेट के जरिए कई लोग अवैध तरीके से दूसरे राज्यों से बनवाए गए वैध शस्त्र लाइसेंस लेकर हथियार खरीद रहे हैं।ऐसे लाइसेंस धारकों की जानकारी बिहार पुलिस व गृह विभाग के पास नहीं है।आशंका है कि आपराधिक किस्म के लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं।वहीं इनमें ज्यादातर ऐसे लोग शामिल हैं जो हथियार रखना स्टेटस सिंबल समझते हैं,लेकिन प्रदेश में लाइसेंस नहीं बनवा पाते। इनसे डेढ़ से तीन लाख रुपए वसूलकर पूर्वोत्तर के राज्यों से लाइसेंस बनवाकर उन्हें दिए जा रहे है।रैकेट के सदस्य लाइसेंस चाहनेवाले को लाइसेंस बनाकर होम डिलीवरी कर रहे हैं।बिहार के लोगों को असम,त्रिपुरा,नागालैंड,मिजोरम, मेघालय,अरुणाचल प्रदेश से बने लाइसेंस सप्लाई किए जा रहे हैं।राज्य गृह विभाग के अवर सचिव गिरीश मोहन ठाकुर के हवाले से सभी जिलाधिकारियों को गाइड लाइन जारी की गई है।इसमें साफ कहा गया है कि शस्त्र अनुज्ञप्ति निर्गत करनेवाले प्राधिकार से सीमा क्षेत्र के बाबत गृह मंत्रालय,भारत सरकार का सहमति पत्र मंगाया जाय।भारत सरकार के इस पत्र का सत्यापन भी कराया जाय।इसके बाद राज्य सरकार द्वारा डीएम को ओडी पंजी में प्रविष्टि की अनुमति दी जाएगी।यह जांच का विषय है कि पूर्वोत्तर के राज्यों से बने शस्त्र लाइसेंस के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सहमति नहीं ली गई अथवा नहीं।जबकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2010 में पत्रांक-V-1106/ 16/2009 के माध्यम से सभी राज्यों को इसे आवश्यक रूप से पालन करने को कहा गया है।मालुम हो की पूर्वोत्तर राज्यों से बने लाइसेंस पर बिहार सहित कई राज्यों में आर्म्स नहीं मिलते।रैकेटियर लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को लाइसेंस के साथ हथियार भी खरीदवा कर दे रहे हैं।अधिकतर हथियार बंगाल से खरीदे जा रहे हैं।बिहार के किसी भी हथियार मंडी में ऐसे लाइसेंस पर हथियारों की आपूर्ति नहीं हो रही।सिर्फ छपरा के कुछ आर्म्स डीलर आसानी से हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं।दूसरे राज्यों से बने लाइसेंस के आधार पर हथियार रखनेवालों की जानकारी बिहार प्रशासन के पास नहीं है।हर जिले में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।जांच के दौरान 18 डिजिट का यूनिक रजिस्ट्रेशन कोड अंकित होने से पुलिस इसे फर्जी भी नहीं बता पा रही है।हाल ही में वैशाली के जिलाधिकारी ने राज्य सरकार के गृह विभाग को एक पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।इसमें कहा गया है कि नागालैंड से बने सभी शस्त्र अनुज्ञप्तियों का सीमा क्षेत्र संपूर्ण भारतवर्ष है।उन्होंने ऐसे लाइसेंसों की ओडी पंजी में प्रविष्टि के लिए अनुमति भी मांगी है।इस पत्र के बाद राज्य सरकार के कान खड़े हो गए हैं वही जिलाधिकारी,गया कुमार रवि का कहना है की भारत वर्ष क्षेत्र वाले लाइसेंस पर आर्म्स लेकर घूमनेवालों को स्थानीय थाना में लिखित तौर पर सूचित करना होगा।इस संबंध में सभी थानों को निर्देश दिया जा रहा है।ऐसे लाइसेंस धारकों की सूची अपने क्षेत्र से संकलित कर प्रतिवेदित करेंगे।इसके बाद इसकी विस्तृत जांच होगी।यदि सब कुछ ठीक रहा,छह माह बाद ओडी पंजी में प्रविष्टि होगी ।