सदर अस्पताल में मरीजों के लिए लगे बेड खुद ही बीमार हैं।300 बेड वाले इस अस्पताल में केवल 50 बेड ही नए हैं,शेष 250 बेड पुराने और जर्जर हो चुके हैं।रविवार की रात अस्पताल के प्रसूता वार्ड में जर्जर बेड के टूट जाने की वजह से निधि देवी (प्रसूता)के गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई थी।जब सोमवार को सीएस डॉ.एमएम वसीम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रसूता वार्ड में सभी बेड नए हैं।लेकिन उनका ये बयान जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाता है।सच्चाई ये है कि प्रसूता वार्ड में एक भी बेड नए नहीं हैं।निधि देवी के मामले में जहां अस्पताल प्रशासन खुद को बचाने में लगा है।वहीं सीएस ने मामले की जांच किए बिना ही पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट दे दिया है।बेडका निचला हिस्सा जंग लगने से टूटा कोशी-सीमांचल के कई जिलों के रोगी सदर अस्पताल में इलाज कराने आते हैं।इसके बावजूद इमरजेंसी वार्ड के बरामदे पर प्रथम जांच के लिए जो बेड लगाए गए हैं।उनकी हालत अच्छी नहीं है।पहले जो बेड लगा था उसका निचला हिस्सा जंग लगने के कारण टूट चुका है।इसके बाद उसी बेड में किसी पुराने बेड का निचला हिस्सा लाकर जोड़ दिया गया।अब जो बेड वहां पर है उसके ऊपरी हिस्से में जंग लग चुका है।सर्जिकल वार्ड में भी पुराने बेड सर्जिकलवार्ड में दो कमरे और बरामदा में कुल 56 बेड लगा हुआ है,लेकिन इसमें भी अधिकांश पुराने बेड ही हैं।ऐसे में लोगों को काफी डर लगा रहता है कि कब कौन बेड टूट जाए।महिला वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने पुराने और जर्जर बेड की बात को माना।महिला वार्ड में अपनी पत्नी का इलाज करा रहे मो. शुकूर आलम ने बताया कि उनके रोगी को जो बेड दिया गया है,उसमें गद्दा भी खराब हो गया है और काफी हिल भी रहा है।ऐसा लगता है कि कभी भी टूट जाएगा।प्रसूति वार्ड में अपनी पत्नी को लेकर आए पप्पू कुमार ने बताया कि इस वार्ड में बेड की निगरानी करने वाला कोई भी नहीं है।कई बेड जैसे तैसे फेंका हुआ है और कई की हालत ठीक नहीं है।सभी वार्डों के अधिकांश बेड पुराने इमरजेंसीवार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बताया कि यहां जो भी रोगी आते हैं।उन्हें पहली बार इसी बेड पर जांच किया जाता है।नया बेड नहीं लगने के कारण कई साल पुराने बेड से काम चलाया जा रहा है।हालांकि पुराने बेड के बीच में नए बेड को भी घुसा दिया गया है।संक्रमण वार्ड में लगे कई बेड का गद्दा सड़ा संक्रमणवार्ड में लगे कई बेड का गद्दा सड़ चूका हैं,लेकिन अस्पताल प्रबंधन का ध्यान इस और पड़ ही नहीं रहा है।इसी वार्ड में कई ऐसे बेड भी हैं,जिनकी स्थिति अच्छी नहीं है।कुछ बेड को ऊपर से रंग रोगन कर दिया है,लेकिन पुराना होने के कारण कमजोर हो गए हैं।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह
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