किशनगंज : जिले के सभी मैट्रिक परीक्षा केंद्र में किशोरों का किया गया टीकाकरण, विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीज़ों को दी जा रही हैं जानकारी: डीआईओ

सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रही हैं टेलीमेडिसीन सेवा-ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के जरिये वीएचएसएनडी साइट में दी गयी स्वास्थ्य सुविधा।
अब तक वैक्सीनेशन का ग्राफ:
- कुल टीकाकरण: 17,44,101
- प्रथम डोज: 9,85,082
- दूसरा डोज: 7,48,113
- प्रीकॉशन डोज: 10,906
- 15 से 17 आयु वर्ग: 70,951
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मैट्रिक परीक्षा के अंतिम दिन ज्यादा से ज्यादा किशोरों के टीकाकरण के लिए शहर के सभी परीक्षा केंद्रों में टीकाकरण अभियान चलाया गया। जिसमें किशोरों को प्रथम एवं द्वितीय डोज दी गयी। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं को पहले से बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही नई-नई तकनीक के सहारे चिकित्सा मुहैया कराते हुए आधुनिक तौर तरीके का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया जिले में आरोग्य दिवस के अवसर पर सभी प्रखंडों में टेलीमेडिसीन के माध्यम से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। जिले में 11 हब और 230 स्पोक्स बनाये गए हैं। जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही है। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है। ज़िलें में लगभग 200 के करीब मरीजों को सेवा का लाभ दिया गया है। ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि जिलेवासियों को टेलीमेडिसीन की सुविधा सभी वीएचएसएनडी (विलेज हेल्थ सैनिटेशन एंड न्यूट्रिशन डे) साइट्स पर एएनएम द्वारा टेलीफोन या मोबाइल के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से बातचीत कर दी जा रही है।
इस दौरान मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी चिकित्सकों द्वारा ली जा रही है। इसके साथ ही उन्हें इलाज के लिए आवश्यक उपचार एवं दवा खाने के लिए परामर्श भी दिया जा रहा है। उसके बाद स्थानीय एएनएम द्वारा लाभार्थी मरीज को चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। जब से इस तरह के अभियान शुरुआत की गई उस समय से मरीजों को अन्य तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गयी है। किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साह ने बताया कि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र चकला गांव निवासी मो दानिश ने अपने निकटतम एच एस सी पर कार्यरत सीएचओ शिक्षिता से फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेने के बाद इस तरह की सुविधाओं को ग्रामीण के पक्ष में एक सार्थक पहल बताया है।
क्योंकि घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलना किसी सपने को साकार करने जैसा लग रहा है। क्योंकि सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। जिले में कुछ वैसे भी क्षेत्र हैं जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है।
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि टेलीमेडिसीन कंसल्टेशन एक तरह की स्वास्थ्य सुविधा है। जिसके माध्यम से मरीज सीधे तौर पर ऑनलाइन माध्यम से अपने रोग से संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ जुड़ कर चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे। क्योंकि राज्य के कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां पर मरीजों को इलाज के लिए कोसों दूर जाना पड़ता था लेकिन अब इस समस्या को दूर करने के लिए अब किसी भी बीमारी से संबंधित मरीज सीधे तौर पर ऑनलाइन के माध्यम से जुड़कर चिकित्सकों से सलाह ले सकते हैं। वहीं चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से ही संबंधित मरीजों को दवा बतायी जाएगी। उसके बाद संबंधित स्वास्थ्य केंद्र से ही मरीजों को रेफर की सुविधा के साथ निःशुल्क दवा उपलब्ध करायी जाएगी।