पटना : 11 मिनट तक थाली बजाकर राजद नेताओ ने मनाया गरीब अधिकार दिवस..

क्वारंटाइन सेंटर की हालत बदतर है।जनता की कोई सुन नहीं रहा।सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है।
- कार्यकर्ताओं ने थाली पीटकर भाजपा के जन संवाद का विरोध जताया।
- बिहार सरकार कि गलत नीतियों के चलते बिहार में प्रवासी मजदूरों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
- पूरे उत्तर बिहार में राजद नेताओं ने थाली बजाकर सरकार की नीतियों का किया विरोध।
- बिहार के 8-9 करोड़ बेरोज़गारो, श्रमिकों, दिहाड़ी मज़दूरों और युवाओं के लिए उनकी 15 साल की एनडीए सरकार ने क्या किया ? उन बेरोज़गारो को नौकरी-रोज़गार देने की क्या कार्य योजना है ?
- क्या वो रोज़गार-नौकरी, विकास और उद्योग-धंधो के दम पर जनता से वोट माँगेंगे ?
- वो बताए कि केंद्र-राज्य सरकार ने श्रमिकों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार क्यों किया ? उन्हें शारीरिक-मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना क्यों दी ?
- केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार तुरंत प्रत्येक श्रमिक को 10 हज़ार सहायता भत्ता प्रदान करें।
- इस मानवीय संकट के मध्य श्रमिकों की मदद ज़्यादा ज़रूरी है या वर्चूअल रैली करना ज़्यादा ज़रूरी ?
- इस वर्चुअल रैली में अमित शाह व CM नीतीश को एक दूसरे का सामना करना चाहिए और बिहार की जनता के सामने यह बताना चाहिए कि बिहार में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति के लिए दोनों में से कौन सा दल अधिक जिम्मेदार है ? श्रमवीरों की यह वर्तमान दुर्दशा किसने की ?
- भाजपा सरकार ने 2014 के चुनाव में बिहार से किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया ! स्पेशल पैकेज और स्पेशल स्टेटस का क्या हुआ ? प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1.25 लाख करोड़ पैकेज की अद्यतन स्तिथि क्या है ? क्या ये मुद्दे भाजपा-जदयू के सिर्फ़ चुनावी झुनझुना है ? जब “डबल इंजन” हैं ही तब इसमें अड़चन क्यों हैं ?
- विगत 15 साल से बिहार और 6 साल से केंद्र में रहते डबल इंजन सरकार ने बिहार के लिए क्या किया है ? 15 वर्ष की एनडीए सरकार ने बिहार में रोज़गार सृजन के लिए क्या कदम उठाये हैं और कुल कितने कल-कारख़ाने लगायें ?
सरकार उनके लिए कोई विशेष नही सोच रही है।बल्कि अपने सम्बोधन में कह रहा है कि अप्रवासी मजदूरों के आने से इलाके में अपराध बढ़ेगी।
पटना/त्रिलोकीनाथ प्रसाद, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से रविवार को नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री श्री श्रीमती राबड़ी देवी, पूर्व मंत्री एवम विधायक श्री तेजप्रताप यादव अपने समर्थकोँ के साथ राज्य के मजदूर, किसान, कामगारों, बेरोजगारो नोजवानो, गरीब, बेबस और कमज़ोर लोगों को सम्मान, रोजगार एवम अधिकार दिलाने के लिये अपने आवास 10 सर्कुलर रोड के बाहर थाली पिटी।खबर है कि राज्य मे आज नेता प्रतिपक्ष के आह्वान पर अपने अपने घरों के सामने करोड़ों लोगों ने थाली पिटी।बिहार के विभिन्न प्रखंडो में ग्रामीणों द्वारा “गरीब अधिकार दिवस” मनाया गया।इस अवसर पर सुबह 11:00 बजे से 11 बजकर 11 मिनट तक थाली, कटोरा, ग्लास, बजाकर अपने रोज़ी-रोटी और हक़-अधिकार की माँग की गई और सोई हुई संवेदनहीन सरकार को जगाने का कार्य किया गया।इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि कोरोना के इस महामारी में जब देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है, तभी यह निकम्मी सरकार वर्चुअल रैली के बहाने चुनावी मफाद को सोच रही है।आगे उन्होंने ने कहा कि इस महामारी में श्रमवीर भाइयों के लिए जहां अधिकतम मुआवजा देने का कार्य करना चाहिए।लेकिन यह सरकार उनके लिए कोई विशेष नही सोच रही है।बल्कि अपने सम्बोधन में कह रहा है कि अप्रवासी मजदूरों के आने से इलाके में अपराध बढ़ेगी।
आपको बताते चले कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद ने कहा कि कोरोना के इस संकट में जहाँ सरकार को लोगों की मदद की आवश्यकता थी, ऐसे न कर वो निहत्ते लोगों पर लाठियां बरसा रही है औऱ बेलगाम अपराधियों को छोड़ दी है।जिससे आये दिन आपराधिक मामले प्रकाश में आ रहा है।आगे उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बेरोजगारी हटाने हेतु उधोग, कल करखाने स्थापित करनी चाहिए।उनकी गलत नीतियों के चलते बिहार में प्रवासी मजदूरों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।क्वारंटाइन सेंटर की हालत बदतर है।जनता की कोई सुन नहीं रहा। सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है।आपको मालूम हो कि पूरे उत्तर बिहार में शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने घरों के पास थाली एवं कटोरी बजाकर सरकार की नीतियों का विरोध किया।गरीब अधिकार दिवस मनाया।उन्होंने बिहार में नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गलत नीतियों के चलते बिहार में प्रवासी मजदूरों का मजाक बन गया।क्वारंटाइन सेंटर की हालत बदतर है।सरकार की विफलता को लेकर राजद ने पूरे बिहार में गरीब अधिकार दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया था।इसकी शुरुआत पार्टी कार्यालय के समक्ष थाली एवं कटोरी बजाकर की गई।