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ओवरड्राफ्ट के जरिए काला धन हुआ सफेद,बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में बेनामी बैंक खातों के जरिए 12 करोड़ रुपये का कालेधन को सफेद बनाने के मामला..
बिहार के डेढ़ दर्जन बैंक शाखा और बैंक कर्मी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ‘टारगेट’पर हैं।नोटबंदी के बाद इन बैंक शाखाओं में कालेधन का सफेद बनाने का ‘खेल’ हुआ है।गया के जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में बेनामी बैंक खातों के जरिए 12 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद बनाने के मामले में ईडी की टीम बैंक अधिकारियों और कर्मियों से जल्द ही पूछताछ करने वाली है।ईडी के सूत्रों के अनुसार जांच और पूछताछ के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई है।कालेधन को सफेद बनाने में प्रयोग किए गए बैंक अकाउंट को चिह्न्ति कर लिया गया है।इनमें कई ऐसे भी बैंक अकाउंट हैं जिनमें नोटबंदी के एलान के बाद ओवरड्राफ्ट के जरिए ब्लैकमनी को सफेद करने की कोशिश हुई है।इनमें करीब दो दर्जन जनधन बैंक खाते भी शामिल हैं,जिनकी जांच शुरू हो चुकी है।मालुम हो की गया में बैंक ऑफ इंडिया की जिस शाखा में आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी है,उस शाखा में 12 करोड़ रुपये का लेनदेन बेनामी बैंक खातों के माध्यम से किया गया है।इस बैंक शाखा में शिवा एग्रो इंटरप्राइजेज के मालिक शशि कुमार तथा उनके भाइयों शैलेश कुमार और रजनीश कुमार के बैंक खातों में नोटबंदी के बाद लगातार बड़ी राशि जमा होने लगी।जांच में यह भी पाया गया है कि बैंककर्मियों की मिलीभगत से इन राशियों को तुरंत आरटीजीएस के माध्यम से अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।इसी तरह गया डेल्हा निवासी राजेश कुमार और उनकी पत्नी रुबी कुमारी के बैंक खातों से भी छह करोड़ रुपये के लेनदेन से संबंधित प्रमाण आयकर विभाग को मिले हैं।जब आयकर अधिकारियों ने राजेश कुमार और रुबी कुमारी से इस मामले में पूछताछ की तब दोनों पति-पत्नी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में बैंक द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है।मामले में राजेश और रुबी ने गया के सिविल लाइन थाने में अज्ञात बैंककर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।
रिपोर्ट:-न्यूज़ रिपोटर