कानपुर और आंध्र प्रदेश में हुए ट्रेन हादसों की जांच एनआइए करेगी।रेलमंत्री सुरेश प्रभु के आग्रह के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनआइए को हाल के ट्रेन हादसों के पीछे तोड़फोड़ की आशंका की जांच करने को कहा है।तीन महीने के भीतर तीन ट्रेन हादसों के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के नकली भारतीय करेंसी की सप्लाई करने वाले नेटवर्क का हाथ हो सकता है।सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक जो सुबूत जुटाए हैं,वे इसी ओर इशारा कर रहे हैं।बिहार के मोतीहारी में पकड़े गए अपराधियों को दुबई में रहनेवाले जिस शमसुल होडा ने पैसे भेजे थे,वह आइएसआइ के लिए नकली नोटों का कारोबार संभालने वाले शफी शेख के संपर्क में है।ये सभी ट्रेन हादसे 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद हुए हैं,जब नकली भारतीय करेंसी का कारोबार ध्वस्त हो गया था।सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा,मिले सुबूतों के आधार पर रेल हादसों के पीछे नकली नोटों को खपाने वाले रैकेट के होने की आशंका सबसे प्रबल है।इसके लिए जिनका इस्तेमाल किया गया,वे छुटभैये अपराधी हैं और नोटबंदी के बाद नकली नोटों का कारोबार ठप होने के बाद पैसे के लालच में रेल की पटरी उड़ाने के लिए तैयार हो गए थे।खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने रिपोर्ट में बताया है कि दुबई में रहने वाले शमसुल ने ट्रेन हादसे के लिए पैसे भेजे थे।वह आइएसआइ के नकली भारतीय नोटों का कारोबार संभालने वाले शफी शेख के संपर्क में है।शफी कराची में रहता है और दुबई,बांग्लादेश,श्रीलंका,नेपाल,थाइलैंड व मलेशिया में अपने एजेंटों के मार्फत नकली करेंसी भारत में सप्लाई करता है।नोटबंदी के बाद नकली नोटों का कारोबार ठप हो गया।इसके बाद आइएसआइ ने शफी के मार्फत नकली भारतीय करेंसी की सप्लाई में लगे नेटवर्क का इस्तेमाल रेल हादसों के लिए किया होगा।मोतीहारी में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि ट्रेन की पटरी उड़ाने के लिए शमसुल ने ब्रजेश किशोर गिरी के जरिये पैसे भिजवाए थे।ब्रजेश नेपाल का है और शमसुल के साथ लंबे समय से है।ब्रजेश के खाते में शमसुल ने 30 लाख रुपये भेजे थे।फिलहाल ब्रजेश बिहार के घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के पास पटरी उड़ाने में नाकाम रहे दो लोगों की हत्या के आरोप में नेपाल में गिरफ्त में है।भारतीय एजेंसियां नेपाल पुलिस से उससे पूछताछ की इजाजत मिलने का इंतजार कर रही हैं