ब्रेकिंग न्यूज़

*पांच दिवसीय दीपावली पर्व हुए शुरू*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 12 नवम्बर :: पांच दिवसीय दीपावली पर्व का पहला दिन है धनतेरस होता है। इसे धनत्रयोदशी, धन्‍वंतरि त्रियोदशी या धन्‍वंतरि जयंती भी कहते हैं। इसके बाद दूसरे दिन छोटी दीपावली या नरक चौदस, तीसरे दिन बड़ी या मुख्‍य दीपावली, चौथे दिन गोवर्द्धन पूजा और अंत में पांचवें दिन भाई दूज या भैया दूज का त्‍योहार मनाया जाता है।

धनतेरस हर वर्ष दीपावली से दो दिन पहले हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की तेरस यानि 13वें दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह पर्व हर वर्ष अक्‍टूबर-नवंबर महीने में आता है। इस वर्ष धनतेरस दीवाली के एक दिन पहले 13 नवंबर को पड़ रहा है।
शुभ मुहूर्त त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर को रात 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ: होकर 13 नवंबर को शाम 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। ऐसी स्थिति में धनतेरस पूजा के लिए 13 नवंबर को शाम 05 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 59 मिनट तक शुभ मुहूर्त होगी। उसके बाद प्रदोष काल: शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक और वृषभ काल शाम 05 बजकर 32 मिनट से रात 07 बजकर 28 मिनट तक 13 नवम्बर को ही है।

क्षीर सागर के मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही माँ लक्ष्‍मी और भगवान कुबेर प्रकट हुए थे।  इसी दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्‍वंतरि का जन्‍म भी हुआ था। इसी कारण से इस दिन माँ लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्‍वंतरि की पूजा का विधान है।  धनतेरस के दिन मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है।
धन्‍वंतरि की पूजा करने से आरोग्‍य और दीर्घायु प्राप्‍त होती है। मृत्‍यु के देवता यमराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन संध्‍या के समय घर के मुख्‍य दरवाजे के दोनों ओर अनाज के ढेर पर मिट्टी का बड़ा दीपक रखकर उसे जलाएं. दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए. दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें:
*मृत्‍युना दंडपाशाभ्‍यां कालेन श्‍याम्‍या सह|*
*त्रयोदश्‍यां दीप दानात सूर्यज प्रीयतां मम ||*

धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि उनकी पूजा

*ॐ  श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्‍लीं श्रीं क्‍लीं वित्तेश्वराय नम:*
मंत्र से करने पर व्‍यक्ति को जीवन के हर भौतिक सुख की प्राप्‍ति होती है। मां लक्ष्‍मी की भी पूजा का विधान है। इस दिन मां लक्ष्‍मी के छोटे-छोट पद चिन्‍हों को पूरे घर में स्‍थापित करना शुभ माना जाता है।

                  —————

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button