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अखिलेश-मुलायमके बीच बातचीत फेल-सूत्र वही मुलायम सिंह ने अमर सिंह को चुनाव आयोग जाने को कहा और लिखित ज्ञापन सौंपने को कहा…
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यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने जौनपुर में कहा कि प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है मेरी पैनी नज़र सभी राजनैतिक घटनाओं पर बनी हुई है,एक पार्टी विशेष में जो कुछ हो रहा है वो उनका आंतरिक मामला है,अभी तक किसी पार्टी ने बहुमत को लेकर मुझसे शिकायत नहीं की हैं।रामगोपाल यादव का अधिवेशन असंवैधानिक था,निष्कासित महासचिव को इसका कोई अधिकार नहीं-सूत्र
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मुलायम सिंह ने अमर सिंह को चुनाव आयोग जाने को कहा और लिखित ज्ञापन सौंपने को कहा-सूत्र
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शिवपाल यादव बैठक के लिए मुलयाम सिंह के घर पहुंचे।करीब एक घंटे से मुलायम के घर पर अखिलेश के साथ उनकी बैठक चल रही है।ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी सुलह हो सकती है।
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अखिलेश-मुलायम कर रहे हैं बातचीत और इसमें शिवपाल भी जानेवाले थे।लेकिन इस पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा-मुझे बैठक का पता नहीं अगर बैठक में नेता जी बुलाएंगे तो जरूर जाएँगे।
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मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे अखिलेश यादव।दोनों के बीतचीत हो रही है।कल अखिलेश यादव ने सुलह का प्रस्ताव रखा था।इससे पहले मुलायम सिंह ने दिल्ली से लखनऊ आने से पहले फोन पर अखिलेश यादव से बात की थी।अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है।90 प्रतिशत सदस्य हमारे साथ हैं।वहीं,शिवपाल यादव भी लखनऊ पहुंच गए हैं।शिपवाल मुलायम के साथ बैठक करने सीधे उनके आवास पर जाएंगे।यूपी की घटना से हम दुखी हैं।
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वही राजनाथ सिंह ने कहा की किसी परिवार में ऐसा होता है तो किसी भी भारतीय को स्वीकार नहीं होगा लेकिन पूरा परिवार सत्ता में है इसीलिए इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।लेकिन अगली सरकार जनता को हुए नुकसान की भरपाई करेगी।मुलायम सिंह यादव लखनऊ पहुंचे,कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।सपा में कलह पर बोले आजम खान-सारे दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।सुलह की कोशिश जारी रहेगी।
यूपी में समाजवादी पार्टी का पारिवारिक कलह अब चुनाव आयोग के दर पर पहुंच चुका है।चुनाव चिन्ह साईकिल को लेकर मुलायम खेमा और अखिलेश गुट चुनाव आयोग में अपनी दावेदारी पेश कर आए हैं।कल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग से मिलकर साईकिल को अपना बताया तो आज अखिलेश गुट की ओर से रामगोपाल यादव चुनाव आयोग से मिले।इस बीच बाप-बेटे (मुलायम-अखिलेश) में बातचीत की कोशिशें भी हुईं लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक ये कोशिश नाकाम रही।इसके अलावा सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को निर्देश दिया है कि वह चुनाव आयोग को 1 जनवरी को रामगोपाल यादव की ओर से किए गए अधिवेशन को लेकर ज्ञापन सौंपे।रामगोपाल की ओर से किया गया ये अधिवेशन असंवैधानिक है क्योंकि पार्टी महासचिव के पद से निष्कासित होने पर वह इस तरह का अधिवेशन नहीं कर सकते।राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था जबकि मुलायम को पार्टी का संरक्षक बना दिया गया था।इस अधिवेशन में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा महासचिव नरेश अग्रवाल,कभी सपा मुखिया के बेहद विश्वासपात्र रहे कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी,मंत्री रामगोविंद चौधरी,अहमद हसन,वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह आदि ऐसे नेता शामिल हुए थे जो कभी मुलायम के साथ खड़े रहते थे।इससे नाराज सपा मुखिया ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी जिसमें सम्मेलन में हुए तमाम फैसलों को अवैध घोषित किया गया था।इसके अलावा मुलायम ने अधिवेशन में शिरकत करने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा तथा पार्टी महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर