*■ उपायुक्त की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के सफल संचालन को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन….*

■ जल के बिना जीवन की परिकल्पना अधूरी:- श्री मंजुनाथ भजंत्री….*
*■ आज जल संचयन और जल का समुचित उपयोग अति महत्वपूर्ण:- उपायुक्त….*
*■ जल जीवन मिशन को शत प्रतिशत सफल बनाने के उद्देश्य से संबंधित विभागों में आपसी समन्वय आवश्यक:- उपायुक्त….*
*■ हर घर को शुद्ध पेयजल सुविधा महैया कराने के लिए जल सहिया एवं पंचायत प्रनिधियों को निभानी होंगी अपनी अहम भूमिका:- उपायुक्त….*
गुड्डू कुमार सिंह :- को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के तहत एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन नरेन्द्र भवन सभागर (जसीडीह) में आयोजित की गई। इस दौरान उपायुक्त, यूनिसेफ के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता देवघर/मधुपुर, उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से विधिवत दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
इसके अलावे कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि आज जिस विषय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है, उसका सीधा संपर्क हमारे जीवन से है। यू कहा जाए कि इसके बिना जीवन की परिकल्पना अधूरी है। आज इसी उद्देश्य को पूरा करने के उद्देश्य से सरकार व जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि 2024 तक नल से जल प्रत्येक घरों तक पहुंचाना। जिसके तहत एक बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिसमे सभी का सहयोग आपेक्षित हैं। साथ ही उपायुक्त ने, जल सहिया एव पंचायत प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों को जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्य में अपनी सहभागिता निभाने की अपील की ताकि जो भी लक्ष्य निर्धारित है उसेे पूरा किया जा सके। जल जीवन मिशन को सफल बनाने के लिए अभियान के प्रति समुदाय को जागरुक व राजी करना और संबंधित विभागों व अधिकारियों में तालमेल अति आवश्यक है। योजना के संचालन और रख-रखाव के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित कराना समुदाय की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में प्रत्येक गांव में ग्राम जल स्वच्छता समिति का गठन आवश्यक है, ताकि गांव की जवाबदेही गांव में ही सुनिश्चित की जा सके। जल संरक्षण के प्रति सजग होना एवं जल स्त्रोतों के आसपास की सफाई रखना पंचायत के समुदाय को सुनिश्चित करना होगा। जल सहिया की जवाबदेही की चर्चा करते हुए उपायुक्त कहा कि जल जीवन मिशन योजना के संदेश को गांव में जन-जन तक पहुंचाना, जल स्त्रोत और जल के गुणवता की जांच कराने की जिम्मेदारी ग्राम सहिया की होती है।
इसके अलावे अपने संबोधन में उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि वर्तमान में हम सभी को जल संचयन की ओर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि वर्षा का एक-एक बूंद को बचाएं एवं शत प्रतिशत जल का संचय करें। गर्मी के मौसम में जिले में पानी की कमी देखने को मिलती है पूरे जिले भर में बहुत कम ऐसे प्रखंड हैं जहां पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है ऐसे में इस योजना के माध्यम से सभी वंचित क्षेत्रों में नल से जल उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता होंगी।
*कार्यशाला में उपस्थित यूनिसेफ के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर श्री कुमार प्रेमचंद* ने कहा कि जल ही जीवन है। हमें इसकी महत्व को समझना चाहिए एवं इसे पूरी तरह से संरक्षित करने की जरूरत है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बहु / एकल जलापूर्ति योजनाओं के संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक घरों में जलापूर्ति की जाएगी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारी भी दी।
इसके अलावे कार्यशाला के दौरान जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार पूर्वक प्रजेन्टेशन के माध्यम विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि योजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया जा सके।
*कार्यशाला में उपरोक्त के अलावे* अधीक्षण अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता देवघर अंचल, देवघर श्री अरविन्द मुर्मू, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता देवघर श्री आनन्द कुमार सिंह, प्रमण्डल, सिविल सर्जन श्री एस के मेहरोत्रा, डीआरडीए निर्देशक श्रीमती नयन तारा केरकेट्टा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, मधुपुर श्री नवीन भगत, विभिन्न प्रखंडो के प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, जिला समन्वयक, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, देवघर श्री सुजीत कुमार त्रिवेदी, एवं जिला समन्वयक, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, मधुपुर, श्री पंकज भुषाण पाठक के आलावा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण परामर्शी श्री विजय कुमार एवं रिना टोप्पो कंसलटेन्ट्स कृष्णा कुमार आदि उपस्थित थे।