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मुझे बिहारी होने पर गर्व है:-ज्योति

बिहार में प्रतिभावानों की कमी नही है।उड़ने के लिए पंख ही नही हौशलो में भी जान होती है,जिसे आप अपनी मुकाम हासिल कर सकते है।बिहार हमेशा से ही चर्चा में रहा है चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो,राजनीति हो या शिक्षा।

आज हम बात करेंगे बिहार के कहलगाँव (भागलपुर) के एक बिजनेसमैन जगन्नाथ प्रसाद की बेटी की जिन्होंनो अपनी मेहनत के बदौलत यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में 53 वी रैंक प्राप्त कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपनी जगह सुनिश्चित कर लिया है साथ ही बिहारवासियो को यह भी सन्देश देने का काम किया है लड़की किसी भी क्षेत्र में अब  पीछे नही रहने वाली है।ज्योति ने कैसे की परीक्षा की तैयारी ज्योति ने बताया कि इस बार वो परीक्षा की तैयारी अपने जॉब के साथ की है।संचार विभाग में पोस्टेड थी तो दिनचर्या काफी कठिन था।सुबह 6 से 9 बजे तक पढ़ाई करने के बाद आफिस का भी काम होता था।फिर आफिस से लौटने के बाद 5 घंटे की पढ़ाई करने का मेरा टारगेट था।प्रिलिम्स और मेंस के बीच का महीने काफी संघर्षपूर्ण रहा है जिसकी वजह से मुझे यह मुकाम मिला।मैंने इतिहास को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट में रखा था।प्रारम्भिक शिक्षा कहलगाँव से ही हुई।मैंने संत जोसेफ स्कूल से दसवीं की की परीक्षा पास की।उसके बाद मैंने 12th जवाहर विद्या मंदिर रांची से किया।उस समय डॉक्टर का बनने की सपना देख रही थी।लेकिन उस समय सिविल सर्विसेज की जानकारियां मुझे मिली तो मैंने ठान लिया कि यूपीएसी की परीक्षा में मैं निश्चित रूप से अपनी भाग्य अजमाऊंगी तभी से मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गयी।पास पड़ोस की कठिनाइयों को देख मुझे बहुत चिंता सताने लगीं थी ,गरीबों को रियल लाइफ में कितनी तकलीफों को झेलना पड़ता है ये किसी से छुपा हुआ नही है,मैंने अपनी पिताजी को भी बिजनेस में संघर्ष करते हुए देखा था।

मुझे भारतीय होने के साथ साथ बिहारी होने पर भी काफी गर्व है।बिहार मेरी मातृ भूमि है,मेरा बेस वही जेनरेट हुआ है और वही बेस मुझे आज इस मुकाम पर पहुँचाया।मेरे आसपास शिक्षा का माहौल काफी अच्छा था।मेरे पिताजी भी मेरी शिक्षा पर काफी ध्यान दिया जिसकी वजह से आज मुझे बहुत लोगो से शुभकामनाये मिल रही है।मुझे भी काफी खुशी मिल रही है।देश मे शिक्षा और स्वास्थ्य का बहुत ही महत्व है यह ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे विकसित होने के बाद ही देश का भविष्य सुनिश्चित होने के साथ साथ लोगो की अपनी भी भविष्य सुनिश्चित हो जाती है।विद्यार्थियों को समझने की जरूरत है कि यूपीएससी आपसे क्या चाहती है,डिमांड और पैटर्न दोनों में अंतर है उसको समझने की जरूरत के साथ साथ स्मार्ट मेहनत की भी जरूरत है तभी सफलता सम्भव है।इसको क्रेक करना इतनी इजी नही है लेकिन मेहनत के साथ मानसिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए तैयारी करने से सफलता हासिल हो सकती है।मैं भी इतना श्योर नही थी कि मेरा भी निकलेगा ही लेकिन इतना जरूर लगता था कि इस बार वो सफलता जरूर हासिल होगी।

रिपोर्ट-श्रीधर पांडे 

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