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डीएम ने की संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारी की समीक्षा; पदाधिकारियों को तत्पर रहने का दिया निदेश

संभावित बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूर्णतः सजग, प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुंचाना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताः डीएम

त्रुटिरहित आपदा प्रबंधन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सक्रिय रहने की आवश्यकता पर डीएम ने दिया बल

त्रिलोकी नाथ प्रसाद जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि संभावित बाढ़, 2022 से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सभी व्यवस्था कर ली गई है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में संभावित बाढ़ की स्थिति में विभिन्न विभागों द्वारा की गई पूर्व तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा है कि आपदा की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला के गंगा एवं अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आने पर तथा शहरी क्षेत्रों में जल जमाव होने पर गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि संभावित आसन्न आपदाओं की शीघ्र चेतावनी और उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं। त्रुटि-रहित आपदा प्रबंधन के लिए जन-सहभागिता, सभी आपात-सहाय्य विभागों के बीच सार्थक समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता है।

इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने संभावित बाढ़ से निपटने हेतु तैयारियों की समीक्षा की और अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन श्री संतोष कुमार झा द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। वर्षा मापक यंत्र एवं दैनिक वर्षापात आंकडों का त्वरित प्रेषण, तटबंधों की सुरक्षा, संसाधनों की उपलब्धता, सम्भावित बाढ प्रभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों- भेद्य समूहों की पहचान, बाढ़ शरण स्थल, मानव दवा की उपलब्धता, पशुचारा, पशुदवा एवं पशु चिकित्सा शिविर की व्यवस्था, गोताखोरों का प्रशिक्षण, आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण, क्षमता वर्धन बचाव दल का गठन/मॉकडिल,नाव, लाईफ जैकेट, मोटरबोट की आकस्मिक व्यवस्था, सडकों की मरम्मति, जेनेरेटर सेट एवं महाजाल की व्यवस्था, सूचना व्यवस्था सहित सभी बिन्दुओं पर विस्तृत समीक्षा की गयी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने हेतु सभी पदाधिकारियों को तत्परता एवं प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी होगी।

समीक्षा के दौरान अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन द्वारा संभावित बाढ़, 2022 की पूर्व तैयारी से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया गया जो निम्नवत हैः-

1. वर्षामापक यंत्र/दैनिक वर्षापात प्रतिवेदन- जिले में कुल 26 वर्षामापक यंत्र कार्यशील है।
वर्षापात आंकड़ों का त्वरित प्रेषण किया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा समेकित दैनिक प्रतिवेदन 09.00 बजे पूर्वाह्न योजना एवं विकास विभाग, अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। पोर्टल पर अपलोड प्रतिवेदन जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा प्रतिदिन विभाग को उपलब्ध कराया जाता है।

पटना जिला अन्तर्गत 136 पंचायतों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र का अधिष्ठापन किया जा चुका है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्षापात आंकड़ों का संभावित बाढ़/जल जमाव से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को शेष सभी पंचायतों में स्वचालित वर्षामापी यंत्र की अधिष्ठापन प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया।

वर्षापात की स्थिति-वर्ष 2022 के माह जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल तथा मई का सामान्य वर्षापात-70.92 एमएम, वास्तविक वर्षापात-57 एमएम, विचलन- (-)20 प्रतिशत

2. संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति-समूहों की पहचान – वर्ष 2021 में पटना जिलान्तर्गत 14 प्रखण्डों के 96 पंचायतों में 3.54 लाख लोग (84,243 परिवार) बाढ़ से प्रभावित हुए थे। संभावित बाढ़, 2022 के पूर्व तैयारी के तहत आपदा पीड़ित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (जीआर) का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से करने हेतु सभी अंचलों द्वारा विभागीय निदेशानुसार आधार सत्यापन के पश्चात कुल 1,74,119 परिवारों की सूची आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर ली गई है।

3. संसाधन – सरकारी नाव-10, निजी नाव-380 इन्फ्लेटेबल मोटर बोट-08, भण्डारित पोलीथीन शीट्स-27,948, टेन्ट-1,135, महाजाल-03, लाईफ जैकेट-508, इन्फ्लेटेबल लाईटिंग सिस्टम-06, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या-164, चिन्हित शरण स्थलों की संख्या-209, खोज बचाव एवं राहत दलों की संख्या-188

4. नाव की वर्तमान स्थिति, निबंधित नावों से एकरारनामा तथा नाव का निर्धारित दर – सरकारी नाव-10, पंजीकृत 380 निजी नावों के परिचालन हेतु एकरारनामा करा लिया गया है।
नाव का दर-
छोटी नाव-290 रुपये,
मंझौली नाव-420 रुपये एवं
बड़ी नाव-460 रुपये।

5. शरण स्थल- अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन द्वारा बताया गया कि 209 शरण स्थलों को चिन्हित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन शरण स्थलों पर आवश्यकतानुसार सामुदायिक किचन का संचालन किया जाएगा। उन्होंने यहाँ आधारभूत न्यूनतम व्यवस्था-शौचालय, पेयजल, स्वच्छता, प्रकाश आदि-सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

6. एसडीआरएफ/एनडीआरएफ मोटरबोट की स्थिति- एसडीआरएफ की 01 कम्पनी 08 बोट, गायघाट, पटना सिटी में एवं एनडीआरएफ की 01 कम्पनी 06 बोट दीदारगंज बाजार समिति में पटना जिला हेतु सुरक्षित है। एसडीआरएफ गायघाट पटना सिटी को 02 (दो) फाईवर बोट एवं एनडीआरएफ बिहटा को 08 (आठ) इन्फलेटेबल बोट आपदा प्रबंधन शाखा, पटना द्वारा उपलब्ध कराया गया है।

7. कोषांगों का गठन एवं जिला स्तरीय 24×7 नियंत्रण कक्ष की स्थापना- डीएम डॉ. सिंह द्वारा 11 बाढ़ राहत कोषांगों का गठन किया गया है। इसके साथ ही जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित है जिसका दूरभाष संख्या 0612-2210118 है।

8. गोताखोरों का प्रशिक्षण – बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशानुसार 164 गोताखोरों को प्रशिक्षित किया गया है।

9. राहत एवं बचाव दल का गठन – 188 दल गठित है।

10. तटबंध की सुरक्षा –
सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमण्डल खगौल
सोन नदी अन्तर्गत 02 तटबंध (1) दीघा-मनेर-15.54 किलोमीटर, स्लूईस गेटों की संख्या-119
(2) मनेर से सैदावाद- 26.81 किलोमीटर, स्लूईस गेट की संख्या-52. सभी तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है । रतन टोला, हल्दी छपरा (मनेर) में कटाव रोधी कार्य पूर्ण हो गया है।
(3) दीघा मनेर तटबंध पर नए स्लूईस गेट का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।
इस प्रमंडल अंतर्गत सभी तटबंध सुरक्षित है।

गंगा सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमण्डल दीघा-

पटना शहरी सुरक्षा दीवाल की लम्बाई 24 किलोमीटर है। इसके अन्तर्गत कुल 98 स्लूईस गेट है। सभी स्लूईस गेटों का मेन्टेनेस हुआ है। सभी अच्छी स्थिति में है। प्रमंडलाधीन यथा-गुलबी घाट, नासरीगंज एवं पटना मुख्य नहर के स्लूईस गेटों का निर्माण पूर्ण हो गया है। छावनी परिसर में कार्य तेजी से चल रहा है जिसे ससमय पूर्ण कर लिया जाएगा।
आर.डी. 3.70 (दीघा लॉक) से 29.80 (9वॉ माईल) देवनानाला दॉया पक्का तटबंध के आर.डी.-0.00 आर.डी.-12.25 (देवनानाला) दानापुर वितरणी तटबंध में आर.डी.-0.00 से आर.डी.-22.00 तक उसरी नाला वॉया तटबंध आर.डी.-0.00 से आर.डी.-7.10 तक एवं उसरी नाला के दॉया तटबंध आर.डी.-0.00 से आर.डी.-5.60 तक सभी तटबंध पूर्णरूपेण सुरक्षित है तथा सभी बाढ़रोधी फाटक क्रियाशील है।

पुनपुन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल अनिशाबाद –

पुनपुन नदी अंतर्गत 02 तटबंध (1) पुनपुन बायॉ तटबंध-14.66 कि.मी., स्लूईस गेट की संख्या-19,
(2) खजूरी तटबंध-5.76 कि.मी.
तटबंध पर पक्की सड़क निर्मित है, सभी तटबंध सुरक्षित है, एन्टी स्लूईस गेट ग्रिसिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। कार्यपालक अभियंता को पर्याप्त मात्रा में बालू भरे सीमेन्ट बैंग का भण्डारण 15 जून तक करा लेने का निदेश दिया।

पुनपुन बाढ़ सुरक्षा प्रमण्डल, पटना सिटी-

पुनपुन नदी अंतर्गत 02 तटबंध (1) पुनपुन बायॉ तटबंध (दीदारगंज से पुनपुन घाट तक)-23.29 कि.मी.,स्लूईस गेट की सं0-46,
(2) पुनपुन दायॉ तटबंध (फतुहा रेलवे लाईन से अलावलपुर तक)-10.57 कि.मी., स्लूईस गेट की सं0-10,
दरधा नदी से बायें एवं दायें ओर 02 लघु बांध निर्मित है जिनकी लंबाई-42 कि.मी. (प्रत्येक) है। डीएम डॉ. सिंह ने कार्यपालक अभियंता को बांध सुदृढ़ीकरण का कार्य 15 जून तक पूर्ण कर लेने का निदेश दिया।

बाढ़ सुरक्षा प्रमण्डल बख्तियारपुर –
गंगा, धनायन, मुहाने, बारी, डगराईन एवं धोवा नदियों के किनारे अवस्थित सभी तटबंध/जमींदारी बांध सुरक्षित है।
(1) महादेव स्थान, मोकामा तथा उमानाथ घाट बाढ़ में पक्का सुरक्षा से संबंधित कार्य चल रहा है।
(2) घोषवरी घाट से रामनगर घाट एवं अथमलगोला में गंगा चौनल पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) का कार्य चल रहा है।
(3) गोइठवा एवं पंचाने नदी की तलसफाई का कार्य चल रहा है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बचे हुए कार्य को हर हाल में 15 जून तक पूरा कर लें।

11. मानव दवा की व्यवस्था एवं मोबाईल मेडिकल टीम –
(1) सिविल सर्जन की अध्यक्षता में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।
(2) संभावित बाढ़ प्रभावित कमजोर नवजात शिशु को चिन्हित किया गया है।
(3) सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थानों, ब्लड बैंकों की पहचान कर ली गई है।
(4) चलन्त मेडिकल टीम का गठन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा किया गया है।
(5) आपदा के कारण हुई मौतों तथा डायरिया इत्यादि बीमारियों के फैलाव के अनुश्रवण हेतु आईडीएसपी कोषांग का गठन किया गया है।
(6) प्रखण्डवार ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट एवं लाईम पाउडर उपलब्ध है।
(7) असैनिक शल्य चिकित्सक-सह- सिविल सर्जन से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार 56 प्रकार की दवा उपलब्ध है। डी०सी०एस० पटना तथा 29 पी०एस०सी० में उपलब्ध दवाओं की विवरणी निम्नवत है-
सांप काटने की दवा (एएसवीएस) 910,
ब्लीचिंग पाउडर-236 बैग,-25 कि.ग्रा.प्रति बैग,
लाईम-498 बैग 40 कि.ग्रा.प्रति बैग,
एंटि रेविज वैक्सिन एआरवी-36,990,
जिंक सलफेट टैबलेट-2,670,
हैलोजेन टैबलेट-3,42,000,
ओ०आर०एस०-2,89,643 पैकेट,
मैट्रोनाईडाजोल टैबलेट-1,06,600,
मैट्रोनाईडाजोल इन्जेक्सन-178, पारासिटामोल-90,700, सोडियम क्लोराईड-2,715, कम्पाउण्ड सोडियम-1,395, सोडियम क्लोराईड एण्ड डेक्ट्रोज-5,250,
आई वी सेट-44,154

12. पशुचारा/चुन्नी-चोकर एवं पशुदवा की व्यवस्था -(1) जिला स्तरीय बाढ़ सहाय्य कोषांग का गठन कर लिया गया है जो 24 घंटे कार्यरत है। (2) बाढ़ सहाय्य केन्द्रों/ उपकेन्द्रों की स्थापना तथा उक्त केन्द्रों पर चिकित्सकों/ कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति कर ली गई है। (3) लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा 12 जगहों पर पशुपेय जल सुविधा निर्मित है। (4) पशु चिकित्सालयों में 42 प्रकार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। (5) जिला पशुपालन पदाधिकारी, पटना से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार संभावित बाढ़/सुखाड़, 2022 हेतु पशुचारा एवं चोकर का निर्धारित दर निम्नप्रकार है- पोआल कुट्टी-960/क्विींटल, गेहूँ भुंसा-1,070/क्विींटल, गेहूँ चोकर-2,380/क्विींटल।

13. पोलीथीन सीट्स/सतु/गुड़/चूड़ा की व्यवस्था- (1) पोलीथीन शीट्स की आपूर्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दर 207/-निर्धारित है। पटना जिला में पोलीथीन शीट्स 27,948 भण्डारित है। (2) खाद्य एवं अन्य सामग्रियों का दर निर्धारित है।

14. नोडल पदाधिकारी/जिला स्तरीय टास्क फोर्स- पंचायत स्तरीय/प्रखण्ड स्तरीय नोडल पदाधिकारी/जोनल पदाधिकारी तथा सुपर जोनल पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन कर लिया गया है।

15. आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण -जिला कृषि पदाधिकारी, पटना द्वारा आकस्मिक फसल योजना 2022-23 तैयार की गयी है।
धान बिचड़ा-लक्ष्य 10,900 हेक्टेयर/26,934.48 एकड़,
धान रोपनी-लक्ष्य 1,09,000 हेक्टेयर/2,69,344.8 एकड़,
मक्का-लक्ष्य 11,500 हेक्टेयर/28,417.11 एकड़।

16. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था- कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमण्डल, पटना पूर्वी के अन्तर्गत 11 प्रखण्ड एवं पश्चिमी अन्तर्गत 12 प्रखण्ड है। (1) चालू चापाकलों की संख्या-पूर्वी-16,051, पश्चिमी-15,071 कुल-31,122
(2) चापाकलों की मरम्मती- पूर्वी-1,814, पश्चिमी-3,643 कुल-5,457
(3) जलस्तर अधिकतम 30’9’’ (पटना सदर, मराची पंचायत)
जलस्तर न्यूनतम 14’6’’ (पालीगंज कल्याणपुर पंचायत)।
टैंकर की संख्या-44,
वाटर एटीएम की संख्या-05,
वाटर प्यूरिफायर की संख्या-06, चलंत शौचालय की संख्या-03, अस्थायी शौचालय एवं चापाकल का निर्माण प्रगति पर है। हेलोजन टैबलेट/ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध है।

17. पटना शहरी क्षेत्र के नालों की सफाई एवं सम्प हाउस की स्थिति- पटना जिलान्तर्गत 09 बड़े नालों यथा-सर्पेन्टाईन नाला, मंदिरी नाला, कुर्जी/राजीव नगर नाला, आनन्दपुरी नाला, बाकरगंज नाला, बाईपास नाला (एनसीसी क्षेत्र), बाईपास नाला (केबीसी क्षेत्र), योगीपुर नाला तथा सैदपुर नाला सहित समस्त मध्य एवं छोटे खुले/बॉक्स नालों, मैन होल इत्यादि की उड़ाही का कार्य तीव्रगति से किया जा रहा है।

विदित हो कि डीएम डॉ. सिंह द्वारा संभावित बाढ़ से निपटने हेतु तैयारी की नियमित समीक्षा की जा रही है एवं तटबंधों का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने पदाधिकारियों को निदेश दिया कि बचे हुए सभी कार्य 15 जून तक अवश्य कर लें। डीएम डॉ. सिंह ने तटबंधों की लगातार पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि संचार तंत्र एवं सूचना प्रणाली को सुदृढ़ रखें। शरण स्थलों पर मोबाइल मेडिकल टीम, शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। यहां मेडिकल कैंप, शिशु टीकाकरण, प्रसव, भोजन का उपस्कर, बच्चों हेतु विशेष भोजन, मच्छरदानी, सैनिटरी किट के लिए विशेष रूप से निर्मित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने पुल-पुलियों एवं मुख्य सड़कों विशेषकर जिला मुख्यालय से प्रखंड को जोड़ने वाले लिंक रोड की नियमानुसार मरम्मती एवं संधारण कार्य पर विशेष ध्यान देने को कहा। डीएम डॉ. सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संकटग्रस्त एवं भेद्य समुदायों का प्रशिक्षण कर क्षमता वर्धन कार्य पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया है। उन्होंने प्रखंड स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सार्थक संचार तंत्र सफल आपदा प्रबंधन की रीढ़ है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसे सुदृढ़ एवं सक्रिय रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों यथा आपदा का निवारण, कमी एवं आपदा के प्रति प्रत्युत्तर के लिए सम्पूर्ण तंत्र सक्रिय है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने हेतु सरकार पूरी तरह सजग है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

इस बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर, सिविल सर्जन, अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण अंचल, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे, जबकि शेष सभी अनुमंडलों के अनुमंडल पदाधिकारी एवं सभी अंचलाधिकारी बिस्वान के माध्यम से जुड़े हुए थे।

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