गया : बाराचट्टी थाना की एक प्रशिक्षु आईपीएस श्री हृदयक्रान्त ने हृदय विदारक घटना को दिया अंजाम…

गया-नक्सलियों और अपराधियों का गढ़ माने जाने वाला गया जिला आज नीतीश कुमार के शासन में जितना भय गुंडों से नहीं लगता उससे कहीं ज्यादा अपराधिक छवि पुलिस ने बना रखी है बाराचट्टी थाना की एक प्रशिक्षु आईपीएस श्री हृदयक्रान्त हृदय विदारक घटना को अंजाम दिया है।बताते चलें कि दिनांक-06.11.2018 को एक ब्राह्मण परिवार पर गया पुलिस ने आतंक का ऐसा कहर ढाया की बिहार की जनता को पुलिस पर से विश्वास उठ जाएगा।
अमित कुमार के गुप्तांग पर पुलिस का लाठी का हस्ताक्षर स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि गया पुलिस पब्लिक के साथ कितना फ्रेंडली है ईमानदार एवं कर्तव्य निष्ठ पुलिस पदाधिकारी के रूप में अपने आप को प्रतिस्थापित करने वाले गया के एसएसपी राजीव मिश्रा के बाराचट्टी थाना में एक निर्दोष व्यक्ति पर पुलिस की गुंडागर्दी स्पष्ट तौर पर चीख चीखकर न्याय की गुहार लगा रही है।यह सर्वविदित है कि इस खबर के बाद अपराधिक छवि का कृत्य करने वाले पुलिस पदाधिकारीयो का राजीव मिश्रा एसएसपी गया उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे अलबत्ता अमित मिश्रा का एक बार फिर से गुप्तांग काला किया जाए और अमित मिश्रा के परिवार को झूठे केस मुकदमों में फंसाया जा सकता है।आपको बताते चले कि बाराचट्टी थाना के खपिया गाँव के रहने वाला युवक अमित कुमार मिश्र की माँ श्यामा मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक गया, पुलिस उप महानिरीक्षक गया, पुलिस महानिदेशक पटना, जिलाधिकारी गया, मानवाधिकार आयोग/पटना-दिल्ली से आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है।अपने आवेदन में अमित कुमार मिश्रा की माँ श्यामा मिश्रा ने कहा है कि मेरा बेटा अमित कुमार मिश्रा जो एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है।उस स्कूल का नाम मौर्य मान्टेशरी घोड़ाघाट है जो दिनांक 05.11.2018 के रात्रि में और 06.11. 2018 को दिन में फोन नंबर 9431822214 से मेरे बेटे के मोबाइल नंबर 6201461824 पर फोन आया और कहा गया कि हम बाराचट्टी थाना के प्रभारी बोल रहा हूं तुम थाना आकर मिलो नहीं तो तुम्हारे पूरे परिवार को अंदर कर देंगे।
दिनांक-06.11.2018 को लगभग संध्या 5:00 बजे वह थाना पहुंचा।तो मेरे बेटे को चार-पांच पुलिस पदाधिकारी पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया और मोटे डंडे से मेरे बेटे को बुरी तरह से मारा।जिससे कई जगह शरीर पर काला दाग पड़ा हुआ है यही नहीं उसके कंधे पर एवं छाती पर जूते से भी चढ़कर दबा दिया।मार से दो से तीन बार बेहोस हुआ।पुनः होस आने पर फिर बुरी तरह मारा।गौर करे जब अमित की माँ श्यामा मिश्रा काफी रोने गिड़गिड़ाने लगी तो बाराचट्टी पुलिस ने
धमकी देते हुए कहा कि इसे ले जाओ और घर पर ही इलाज कराना कही हॉस्पिटल में इलाज कराया या हमलोगों के खिलाफ आवेदन दिया तो मैं इसका इनकाउंटर कर दूंगा और तुम लोगो को सभी परिवार को किसी केश में फंसा कर जेल भेज दूंगा।फिर सड़ते रह जाओगे।अमित की माँ ने बताया कि किसी तरह
ग्रामीणों की मदद से बेहोश बेटा को रात्रि 10 बजे लेकर डोभी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराई।जहा अमित का नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर ने मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया।जहाँ अमित इलाजरत है।जब इस संबंध में बाराचट्टी के प्रशिक्षु आईपीएस हृदय क्रान्त से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नही इस तरह का मामला नही हुआ है।अमित को बुलाया गया था उसकी पत्नी ने शिकायत की थी।

किन्तु उसको समझ बुझाकर भेज दिया गया।वही शेरघाटी डीएसपी से पूछने पर उन्होंने बताया कि हमे इसकी जानकारी नही है।मैं पता करता हूँ।फिर हमारे द्वारा पूछा गया कि सर बाराचट्टी के प्रशिक्षु आईपीएस का नाम लिया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि ये कैसे हो सकता हैं वो तो 4 बजे सुबह तक हम लोग ड्यूटी पर थे।फिर भी मैं पता करता हूँ।वही अमित के चाचा श्री सचिदानंद मिश्रा का कहना था कि मेरे मोबाइल पर भी 9431822214 से फ़ोन आया और कहा गया कि अभी अमित कहा है उसको लेकर थाने आइये।तो मैंने कहा कि अमित तो अभी यहाँ नही है आने पर लेकर आपके पास आ जाऊंगा।पर अमित पर केस क्या है।ये नही बताया।पर हमें क्या मालूम था कि इस तरह से मारकर उसका पूरा बदन लाल, काला, हरा बना देंगे।पर सवाल यहाँ यह उठ रहा है कि क्या पुलिस को इस तरह से पीटने का क्या अधिकार है।अपराधियों की पकड़ने की हिम्मत नही दिखाने वाले एक युवक को किस प्रकार पीटा है यह देखकर रूह कांप जाती है।इस पूरे मामले की पड़ताल में एक प्रशिक्षु आईपीएस की करतूत नजर आयी है और इस प्रकार की हरकत करनेवाले कितना क्रूर होगा यह तो स्थाई पोस्टिंग के बाद पता चल जाएगा।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर