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कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाएगा..

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सुबह 8 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त को 11.17 बजे तक रहेगी।श्रद्धालु रात्रि में चंद्र दर्शन कर भगवान को भोग लगाकर व्रत खोल सकेंगे।

अवध की नगरी में कोरोना काल के बीच जन्माष्टमी की परंपरा भी करवट ले रही है।इस साल जन्माष्टमी पर हमेशा की तरह आयोजन होगे।छप्पन भोग चढ़ेगा और खोये का केक भी कटेगा।झांकियां भी सजेंगी, लेकिन ज्यादातर जगहों पर लोग ऑनलाइन ही ये झांकियां देख सकेंगे।इसके साथ प्रतियोगिताएं भी ऑनलाइन होंगी।भक्त स्मार्त और वैष्णव दो प्रकार के होते हैं।इसमें स्मार्त गृहस्थ और वैष्णव साधु सन्यासी होते हैं।इसलिए हमें स्मार्त का पालन करते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनानी चाहिए।इसके अलावा रात्रि में करीब 11.42 बजे चंद्र दर्शन होंगे।इसके बाद श्रद्धालु भगवान को प्रसाद खिलाकर अपना व्रत पूर्ण कर सकेंगे, जिससे उन्हें सुख शांति की प्राप्ति होगी।पटना/त्रिलोकीनाथ प्रसाद, कोरोना संक्रमण के कारण 11 अगस्त, 2020 को होने वाली कृष्ण जन्माष्टमी सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाएगा, लोग अपने अपने घरों में ही मना सकेंगे।कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद में कृष्ण पक्ष के आठवें (अष्टमी) दिन मनाया जाता है।कैलेंडर के अनुसार, यह भगवान कृष्ण की 5247वीं जयंती होगी।भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा के दुष्ट राजा कंस को मारने के लिए हुआ था।यह भगवान विष्णु के आठवें अवतार था, जिन्हें ब्रह्मांड का रक्षक माना जाता है।कंस की बहन देवकी और वासुदेव की शादी के बाद, एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि उनका आठवां बेटा कंस को मारेगा और पृथ्वी को उसके पापों से मुक्त करेगा।कृष्ण जन्माष्टमी भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।इस दिन, लोग उपवास करते हैं और आधी रात को यानि 12 बजे के बाद भगवान कृष्ण का पूजा अर्चना करते हैं।

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